बिना सीट बांटे ही बिहार चुनाव में उतरा महागठबंधन

महागठबंधन के सभी घटक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारा अब तक नहीं हुआ है। एनडीए इस बात को मुद्दा बना चुका है। एनडीए के नेता कह रहे हैं कि महागठबंधन में गांठ पड़ चुकी है। वहीं पप्पू यादव ने तो गठबंधन तोड़ने तक की बात कह दी।
बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान छह नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को है। अब तक महागठबंधन के सभी दलों ने सीटों का बंटवारा नहीं किया है। ऐसा भी कह सकते हैं कि इस चुनाव में महागठबंधन सीट बंटवारे की घोषणा किए बिना ही चुनावी मैदान में है। सभी दलों ने अपने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी। राजद ने 143, कांग्रेस ने 60, भाकपा माले ने 20, वीआईपी ने 15, सीपीआई ने नौ, सीपीएम ने चार और आईआईपी ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यानी कुल मिलाकर 254 सीट। 12 सीटें ऐसी हैं जहां फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन गई है। हालांकि, कुछ सीटों से नामांकन वापस भी लिए जा रहे हैं। जैसे, लालगंज में राजद प्रत्याशी शिवानी शुक्ला के खिलाफ मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसी तरह गौड़ाबौराम में वीआईपी उम्मीदवार के नामांकन के बाद राजद ने अपने उम्मीदवार बैठा दिया। आइए जानते किन सीटों पर फ्रेंडली फाइट हो रही है…
इन सीटों पर एक-दूसरे को चुनौती देंगे महागठबंधन के घटक दल…
कहलगांव विधानसभा सीट
यहां पर राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। राजद की ओर से रजनीश यादव ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है। वहीं कांग्रेस की ओर से प्रवीण कुशवाहा ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है।
गौड़ाबौराम विधानसभा सीट
यहां पर राजद और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रत्याशी आमने सामने हैं। राजद से अफजल अली खान ने नामांकन पर्चा दाखिल किया है। वहीं वीआईपी की ओर से मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है। हालांकि, राजद ने अपने प्रत्याशी ने नामांकन को कैसिंल करने के लिए जिला प्रशासन ने चिट्ठी लिखी थी लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया।
बछवाड़ा विधानसभा सीट
यहां पर कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कांग्रेस से प्रकाश दास ने नामांकन पर्चा दाखिल किया है। वहीं सीपीआई से अवधेश कुमार राय ने नामांकन किया है।
बिहारशरीफ विधानसभा सीट
यहां पर भी कांग्रेस और सीपीआई के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कांग्रेस से उमैर खान ने नामांकन किया है। वहीं सीपीआई के शिव प्रसाद यादव ने नामांकन किया है।
राजपाकर विधानसभा सीट
यहां से कांग्रेस और सीपीआई के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कांग्रेस से प्रतिमा कुमारी ने नामांकन किया है। वहीं सीपीआई से मोहित पासवाान ने नामांकन किया है।
वैशाली विधानसभा सीट
यहां राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। राजद से अजय कुशवाहा ने नामांकन किया है। वहीं कांग्रेस से ई.संजीव सिंह ने नामांकन किया है।
बाबूबरही विधानसभा सीट
यहां पर राजद और वीआईपी के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। राजद से अरुण कुशवाहा के सामने वीआईपी के बिंदु गुलाब यादव हैं।
नरकटियागंज विधानसभा सीट
यहां पर कांग्रेस और राजद के बीच मुकाबला है। कांग्रेस से दीपक यादव और राजद से शाश्वत केदार पांडेय एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं।
चैनपुर विधानसभा सीट
यहां पर राजद और वीआईपी के बीच मुकाबला है। राजद ने ब्रज किशोर बिंद को टिकट दिया है। वहीं वीआईपी ने बालगोविंद बिंद को चुनावी मैदान में उतारा है।
बेलदौर विधानसभा सीट
यहां पर कांग्रेस और आईपी गुप्ता की इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के बीच मुकाबला है। कांग्रेस ने मिथिलेश निषाद को टिकट दिया है। वहीं आईआईपी ने अनीष चौहान को उम्मीदवार बनाया है।
करगहर विधानसभा सीट
यहां पर कांग्रेस और सीपीआई के बीच मुकाबला है। कांग्रेस ने संतोष मिश्रा को टिकट दिया है। वहीं सीपीआई ने महेंद्र प्रसाद गुप्ता मैदान में उतारा है।
सिकंदरा विधानसभा सीट
यहां पर कांग्रेस और राजद के बीच मुकाबला है। राजद ने उदय नारायण चौधरी को टिकट दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने विनोद चौधरी चुनावी मैदान में उतारा है।
रितु जायसवाल निर्दलीय उतरीं मैदान में
इधर, इन सब के बीच महागठबंधन में टिकट नहीं मिलने से नाराज प्रत्याशियों ने बगावत कर दी और निर्दलीय पर्चा भर दिया। इसमें सबसे प्रमुख नाम है 2020 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली रितु जायसवाल का। इस बार राजद ने उनका टिकट काट दिया। इसलिए उन्होंने निर्दलीय अपना पर्चा भरा है।
पप्पू यादव बोले- गठबंधन तोड़ देना चाहिए
महागठबंधन में पड़े दरार के बाद पूर्णिया के सांसद और खुद को कांग्रेसी घोषित करने वाले पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो से गठबंधन धर्म निभाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 12 सीटों पर दोहरे उम्मीदवार उतारना गठबंधन की एकता के खिलाफ है। क्या इस तरह गठबंधन चलता है? कांग्रेस को निर्णय लेना चाहिए। जिस तरह से टिकट बाटा गया है, यह बिल्कुल गलत है। मैं बार-बार कह रहा हूं कि गठबंधन को वापस लीजिए। गठबंधन को कमजोर किया जा रहा है।
दिलीप जायसवाल बोले- मतदाता सबकुछ देख रहे हैं
वहीं बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार के मतदाता महागठबंधन की अंदरूनी लड़ाई और टिकटों की खरीद-फरोख्त को देख रहे हैं महागठबंधन आज तक सीटों का बंटवारा नहीं कर पाया है। कई सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में वह सरकार कैसे चलाएगा?