सुकन्या को बालिग होने पर पता चला उसका बाप एक दुष्कर्मी है

जयपुर। जयपुर के बालिका गृह में पलकर बड़ी हुई सुकन्या (काल्पनिक नाम) खुद को बालिग होने तक खुद को अनाथ मानती रही। बालिग होने के बाद उसे उसकी मां के बारे में बताया गया, लेकिन मां मिलने की खुशी अधूरी रही, क्योंकि मां मानसिक रूप से विक्षप्त है और वह एक दुष्कर्मी की संतान है।

यह हकीकत सामने आने के बाद भी सुकन्या ने हार नहीं मानी। अपना डीएनए टेस्ट कराया और आखिर अपने दुष्कर्मी पिता को ढूंढ़ निकाला। यह मामला एक लड़की के साहस की कथा है। इसकी मां को 1987 में विमंदित गृह लाया गया था। विमंदित गृह में करीब 7 साल बीत जाने के बाद उसके गर्भवती होने का पता चला।

घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया और विमंदित गृह के अधिकारियों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। जांच में सामने आया कि यहां के कुछ पुरुष कर्मचारी मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते थे।

पुलिस ने इस मामले में विभाग के कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक सुकन्या की मां के साथ दुष्कर्म करने वाला उसका पिता भी था। इसे पांच साल की सजा हुई और फिर यह जमानत पर छूट गया।

इधर बालिग होने के बाद बालिका गृह ने सुकन्या को उसकी मां के बारे में बताया और उससे मिलवाया। मां ने अपनी बेटी को पहचाना तक नहीं। सुकन्या ने हिम्मत नहीं हारी और अपने पिता का पता लगाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी।

कोर्ट के आदेश पर उसका डीएनए टेस्ट हुआ और इसे गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों के डीएनए से मिलाया गया। इनमें से एक कर्मचारी से उसका डीएनए मिल गया। अब इस रिपोर्ट को महिला उत्पीड़न कोर्ट में भेजा गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट का प्रयास है कि सुकन्या को उसके कानूनी अधिकार दिलाए जाएं।

Back to top button