बालकों को बचपन जीने के लिए स्वतंत्र रहने देना चाहिए, बच्चों पर न डालें दें जिम्मेदारियों का बोझ

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व जनपद न्यायाधीश राघवेंद्र के निर्देशन में शनिवार को राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) में बाल श्रम निवारण एवं पॉक्सो अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई। विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता प्राधिकरण के सचिव जयहिद कुमार सिंह ने की।
सचिव ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं और देश के भविष्य के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है तो भविष्य के साथ-साथ वर्तमान भी नीचे गिर जाता है। बालकों को बचपन जीने के लिए स्वतंत्र रहने देना चाहिए। उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ से दबाना नहीं चाहिए। यदि किसी कारणवश ऐसा करना मजबूरी हो तो उन्हें जीवन की बुनियादी सुविधाएं दी जानी चाहिए। जैसे शिक्षा, भोजन, आवास, वस्त्र आदि। बाल श्रम निवारण के लिए विधिक प्रावधानों की जानकारी दी। बताया कि बालकों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं। साथ ही पॉक्सो अधिनियम के बारे में बताया। आभा श्रीवास्तव ने भी अधिनियम पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अधीक्षक अशोक कुमार अवस्थी, केयरटेकर राम कुमार, रमाशंकर कनौजिया, पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह, सैय्यद हैदर अब्बास, अजय कुमार तिवारी, मनमोहन मिश्र, मनोज कुमार शुक्ल, धीरेंद्र मिश्र, उमेश प्रताप सिंह, मुकेश वर्मा व कृष्ण कुमार चौबे आदि उपस्थित रहे।





