बारिश में स्कूलों के कमरों की टपक रही हैं छतें, इसलिए टीचर ने घर में शुरू कर दी क्लास

डूंगरपुर.बारिश में स्कूलों के जर्जरहाल कमरों की छतें टपक रही हैं। छतों से गिरते मलबे के कारण हादसे का डर रहता है। इसी वजह से कई स्कूलों में छुट्टी कर दी जाती है, लेकिन यहां पर एक शिक्षक ने बच्चों की जान का खतरा भी नहीं हो और पढ़ाई भी नहीं बिगड़े, इसके लिए अपने घर को ही स्कूल बना दिया।

सरकार स्कूल के खराब कमरों की हालत तो नहीं सुधार सकी, लेकिन शिक्षक ने ही अपनी जिम्मेदारी को समझा और बच्चों के लिए घर में कक्षाएं लगवा दी। ये दृश्य जिले के बिछीवाड़ा पंचायत समिति के महिपालपुरा में राउप्रावि संस्कृत का है। शिक्षक की पहल के चलते बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल के ठीक पास ही सड़क के दूसरी ओर शिक्षक मगनलाल नरात का घर है। वहां पर 4 से 5 कमरे हैं, लेकिन इसके आधे हिस्से में यानी 2 से 3 कमरों में शिक्षक ने स्कूल चला दी है।
स्कूल में कक्षा पहली से लेकर 8वीं तक में 187 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इन सभी आठ कक्षाओं को अब उसके घर में ही बैठाकर पढ़ाई करवाई जा रही है। शिक्षक के इस कदम की सभी सराहना कर रहे हैं। महिपालपुरा स्कूल में कुल 6 कमरे हैं। इनमें से एक कमरे में ग्राम पंचायत चल रही है। बचे 5 कमरों में से 3 कमरों की हालत ऐसी है कि कभी भी गिर सकते हैं। करीब 25 साल पहले बने इन कमरों की छत पर पट्टियां लगी हुई है, जो तड़क गई है। दीवारें भी जर्जरहैं। ऐसे में इन कमरों में बैठना तो मुमकीन ही नहीं है।