बारिश की चुनौती के बीच झांकियों का निर्माण तेज

बंद मिलों में मजदूरों द्वारा पारंपरिक झांकियों का निर्माण हो रहा है, जिन्हें देखने हजारों की भीड़ उमड़ेगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह झांकियां इंदौर की सांस्कृतिक पहचान हैं।

इंदौर में जगह-जगह गणेशोत्सव के आयोजन हो रहे हैं, हालांकि बीच-बीच में हो रही बारिश इसमें बाधा भी बन रही है। इसके बावजूद अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाले पारंपरिक चल समारोह की तैयारियां पुलिस प्रशासन और नगर निगम ने पूरी कर ली हैं।

मिलों में जोर-शोर से बन रही झांकियां
कई साल पहले बंद हो चुकी मिलों के परिसरों में पारंपरिक झांकियों का निर्माण तेजी से चल रहा है। इन झांकियों को तैयार करने में मिलों के पुराने मजदूर सहयोग दे रहे हैं। निगम ने भी मिल समितियों को आर्थिक सहयोग के लिए कुल 10 लाख रुपए के चेक सौंपे हैं।

झांकी मार्ग पर प्रशासन की तैयारियां
अनंत चतुर्दशी पर 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन झांकियों के साथ होगा। यह चल समारोह डीआरपी लाइन से शुरू होकर भंडारी ब्रिज, श्रम शिविर, चिकमंगलूर, जेल रोड, नॉवेल्टी मार्केट, एमजी रोड, कृष्णपुरा छतरी, गुरुद्वारा, बम्बई बाजार, खजूरी बाजार होते हुए राजवाड़ा तक पहुंचेगा। नगर निगम झांकी मार्ग की मरम्मत में जुटा है। गड्ढों को भरा जा रहा है, जर्जर भवनों पर चेतावनी के बोर्ड लगाए जा रहे हैं और अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं।

कलेक्टर और महापौर ने किया निरीक्षण
तीन दिन पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आयुक्त शिवम वर्मा और निगम अधिकारियों के साथ झांकी मार्ग का निरीक्षण किया। वहीं महापौर ने पांच प्रमुख मिलों मालवा मिल, हुकुमचंद मिल, स्वदेशी मिल, राजकुमार मिल और कल्याण मिल को 2-2 लाख रुपये के चेक वितरित किए।

झांकियां बनीं इंदौर की सांस्कृतिक पहचान
महापौर भार्गव ने कहा कि अनंत चतुर्दशी की झांकियां इंदौर की सांस्कृतिक पहचान हैं। ये झांकियां न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश में अपनी भव्यता और परंपरा के लिए जानी जाती हैं। मिलों द्वारा बनाई जाने वाली झांकियां शहर की ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत रखती हैं, इसलिए नगर निगम प्रतिवर्ष उन्हें आर्थिक सहयोग देता है। इस अवसर पर महापौर ने देवी अहिल्या बाई जन्मोत्सव समिति को भी पांच लाख रुपए का चेक सौंपा।

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