बाप रे बाप! सुनते ही पकड़ लेंगे अपना माथा, शेखपुरा में साग के चक्कर में 9 लोगों को 7 साल के लिए जेल

बिहार में महज़ साग तोड़ने का विवाद ने ऐसा मोड़ लिया कि 9 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. कोर्ट ने बकायदा सभी आरोपित सदस्यों पर IPC 307 सहित अन्य धाराओं में दर्ज FIR के आधार पर सुनवाई करते हुए न सिर्फ जेल जाने की सजा सुनाई. बल्कि 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. ये पूरा मामला बिहार के शेखपुरा जिले का है. दरअसल, यह पूरा माजरा 12 साल पहले खेत से साग तोड़ने से जुड़ा हुआ है.
लोग अब इसे अजब-गजब फैसले के रूप में देख रहे हैं. दरअसल प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पाण्डेय की अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों के 9 लोगों को दोषी मानते हुए 7-7 साल की सजा और 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.
आखिर क्या है पूरा माजरा, समझिए
शेखपुरा जिले के सिरारी थाना क्षेत्र के गुन्हेसा गांव में दो पक्षों में झड़प 20 जनवरी 2013 को उस वक्त हुई थी जब जयराम सिंह की नाबालिग पोती खेत में साग तोड़ रही थी. इसी दौरान गांव के ही श्याम सुंदर सिंह और शैलेंद्र सिंह ने बच्ची के साथ मारपीट की. जब दादा जयराम सिंह और भरत सिंह ने बचाव किया, तो उन्हें भी बुरी तरह पीटा गया. देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच ईंट-पत्थर और लाठी-डंडों से खूनी झड़प शुरू हो गई. थाना में दर्ज FIR के मुताबिक घटना में एक पक्ष से अमित कुमार उर्फ मुन्ना, जयराम सिंह, भरत कुमार सिंह, विवेक कुमार और पंकज कुमार, जबकि दूसरे पक्ष से श्याम सुंदर सिंह, शैलेंद्र सिंह, कन्हैया सिंह और राहुल कुमार शामिल थे.
IPC की धारा 307, पहुंचाया सलाखों के पीछे
कोर्ट से सामने आए फैसले के मुताबिक इस मामले में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोर्ट ने IPC की धारा 307 (हत्या की कोशिश) समेत अन्य धाराओं के तहत दोनों पक्षों के सभी आरोपियों को दोषी ठहराया. लिहाज़ा शनिवार को शेखपुरा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पाण्डेय की कोर्ट ने अनोखा फैसला सुनाया. इस संबंध में उदय नारायण सिंह ने बताया गुन्हेसा गांव में 12 साल पूर्व साग तोड़ने के दौरान हुए हिंसक झड़प मामले में दोनों पक्ष के 9 लोगों को 7-7 वर्ष का कारावास और 10-10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया.