बांग्लादेश संकट: एक पैटर्न और भारत विरोधी नैरेटिव…

 बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस लगातार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं। क्योंकि, बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, अल्पसंख्यकों पर हमले और भारत-विरोधी माहौल का जिम्मेदार यूनुस सरकार को ठहराया जा रहा है।

विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने अंतरिम सरकार को असफल बताते हुए कहा कि देश में अराजकता लगातार फैल रही है।

कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई

बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि प्रोफेसर यूनुस की सरकार कुछ महीनों में देश को कुशलतापूर्वक चला पाएगी, लेकिन कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यूनुस ने 12 फरवरी 2026 को चुनाव कराने की घोषणा की है, लेकिन चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बनाना बड़ी चुनौती है।

बता दें कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को चुनाव कराने की घोषणा की है। इस बीच, भारत-बांग्लादेश संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अंतरिम सरकार पर आरोप है कि वह जवाबदेही से बचने के लिए भारत-विरोधी माहौल को हवा दे रही है।

यूनुस ने बदली विदेश नीति

शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने विदेश नीति बदली और पाकिस्तान के साथ करीबी बढ़ाई, जबकि भारत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को नजरअंदाज किया।

भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को दस दिनों में दूसरी बार तलब किया गया।अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यकाल में उन्हें कम से कम छह बार तलब किया जा चुका है।

यूनुस ने की थी टिप्पणी

गौरतलब है कि मोहम्मद यूनुस ने मार्च 2025 में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को “लैंडलॉक्ड” बताते हुए कहा कि बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए समुद्र का एकमात्र संरक्षक है, जिससे चीन के लिए बड़ा अवसर है। यूनुस की इस टिप्पणी पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

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