बांग्लादेश में सरस्वती पूजा को लेकर मचा है बवाल, जानें वजह…

बांग्लादेश में सरस्वती पूजा को लेकर विवाद छिड़ गया है. बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने ढाका के दो निकाय चुनावों की तारीख बदलने की याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि चुनाव की तारीख पर ही सरस्वती पूजा भी पड़ रही है जिस वजह से हिंदू समुदाय ने चुनाव की तारीख बदलने की अपील की थी.

हाई कोर्ट बेंच के जस्टिस जेबीएम हसन और जस्टिस एमडी खैरुल आलम ने मंगलवार को याचिका की सुनवाई करने के बाद राज्य और चुनाव आयोग को आदेश जारी किया. हाई कोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ता गुस्से में आ गए. कुछ ही देर में शाहबाग इलाके में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर जुट गए जिससे रास्ता पूरी तरह से जाम हो गया. ढाका यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने मंगलवार को सबसे व्यस्त चौराहे को करीब डेढ़ घंटे ब्लॉक रखा. छात्रों ने चुनाव आयोग को चुनाव की तारीख बदलने के लिए एक दिन का वक्त दिया है.

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ढाका यूनिवर्सिटी में जगन्नाथ हाल स्टूडेंट यूनियन के उपाध्यक्ष और प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे उत्पल बिस्वास ने संवाददातओं से कहा, अगर चुनाव आयोग बुधवार दोपहर 12 बजे तक हमारी मांगें नहीं मानता है तो हम आयोग की घेराबंदी कर लेंगे.

 

सुप्रीम कोर्ट के वकील व याचिकाकर्ता अशोक कुमार घोष ने मीडिया से बातचीत में कहा, हम व्यथित हैं और इस आदेश के खिलाफ अपील डिवीजन में जाएंगे. 22 दिसंबर को चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन (DSCC) और ढाका नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन (DNCC) के चुनाव 30 जनवरी को कराए जाएंगे. आयोग के फैसले के खिलाफ हिंदू समुदाय ने तुरंत विरोध जताया क्योंकि 29-30 जनवरी के बीच सरस्वती पूजा का त्योहार मनाया जाना है.

यह मामला इसलिए भी और ज्यादा उलझ गया क्योंकि सरकार द्वारा मान्य स्कूल कैलेंडर में भी 29 जनवरी को अवकाश घोषित किया गया है. पूजा उद्जापन परिषद और बांग्लादेश बुद्धिस्ट क्रिस्चियन यूनिटी काउंसिल समेत तमाम हिंदू संगठनों ने चुनाव आयोग से त्योहार मनाने के लिए चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है. दोनों कॉरपोरेशन के कई शैक्षणिक संस्थान सरस्वती पूजा धूमधाम से मनाते हैं लेकिन चुनाव के दौरान इन्हीं संस्थानों को पोलिंग सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

चुनाव आयोग के तारीखें बदलने से इनकार करने के बाद अशोक कुमार घोष नाम के वकील ने हाई कोर्ट में 5 जनवरी को याचिका दायर कर दी थी. ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रविवार और सोमवार दोनों ही दिन कैंपस के भीतर प्रदर्शन जारी रखा और कोर्ट से चुनाव की तारीख बदलने की मांग की. हालांकि, कोर्ट ने अपील खारिज कर दी.

हाई कोर्ट ने पाया कि शिक्षा मंत्रालय ने 29 जनवरी को सरस्वती पूजा के लिए अवकाश घोषित किया था और सुप्रीम कोर्ट के कैलेंडर में भी सरस्वती पूजा की छुट्टी है. लेकिन चुनाव आयोग ने निकाय चुनाव की तारीख 30 जनवरी इसलिए तय की क्योंकि सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट की परीक्षाएं 2 फरवरी से शुरू हो रही हैं. याचिका खारिज करने से पहले कोर्ट ने कहा कि इन परिस्थितियों में चुनाव की तारीखें बदलने की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है.

 

 

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