अगर ऐसी ठंड पड़ती रही तो, बहुत जल्द इन चीजों के लिए तरसने लगेगा पूरा देश…

दिल्ली समेत देश के 15 राज्यों में भयानक ठंड पड़ रही है. कई राज्यों में तो न्यूनतम पारा पांच डिग्री से नीचे है. लेह में तापमान गिरने से सिंधु नदी जम गई है. द्रास सेक्टर में – 28 डिग्री सेल्सियस तापमान है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री तक छू चुका है. दिल्ली में 119 साल बाद यह सबसे सर्द दिसंबर है. अगर ऐसे ही तापमान गिरता रहा तो देश में हो जाएगी फल, सब्जी और दूध की दिक्कत.

2020 से ही दिखने लगेगा भयावह असर
जनवरी 2019 में आई पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक अगर जलवायु परिवर्तन के चलते दूध के उत्पादन में 2020 में 1.6 मीट्रिक टन की कमी आ सकती है. साथ ही चावल समेत कई फसलों के उत्पादन में कमी आएगी. 

2050 तक तो देश में होगी इन चीजों की भारी किल्लत
मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत अगर आज भी सजग नहीं हुआ तो आने वाला वक्त महंगा साबित हो सकता है. भारत 2050 तक फल-सब्जियों के अलावा दूध के लिए भी तरस जाएगा.

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किसानों की आजीविका पर होगा असर
कई फसलों के उत्पादन में कमी आने से किसानों की आजीविका पर इसका असर दिखाई देगा. उनकी हालत और खराब हो सकती है.

2020 में इन फसलों पर होगा असर
बढ़ती ठंडी, बढ़ती गर्मी और मॉनसून के अनियंत्रित ठहराव या देरी से अगले साल भी फसलों पर असर दिखाई देगा. इन वजहों से 2020 में चावल के उत्पादन में 4-6%, आलू में 11, मक्का में 18, सरसों में 2% तक कमी आ सकती है. सबसे बुरा असर गेंहू पर होगा. आशंका है कि गेहूं की उपज 60 लाख टन तक गिरेगी.

किन राज्यों में गिरेगा दूध का उत्पादन…
रिपोर्ट के अनुसार, दूध के उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगी. ग्लोबल वॉर्मिंग से इन राज्यों में गर्मी तेजी से बढ़ेगी. इससे पानी की कमी होगी और जिसका असर पशु उत्पादकता पर पड़ेगा.

सूख जाएंगे सेब के बाग…
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेब की खेती समुद्र तल से 2500 फीट की ऊंचाई पर करनी होगी. क्योंकि अभी खेती 1230 मीटर की ऊंचाई पर होती है. आने वाले वक्त में गर्मी बढ़ने से सेब के बाग सूख जाएंगे.

मौसम विभाग ने क्या बताया कारण?
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा कोहरे की वजह से हो रहा है. कोहरे सूर्य की रोशनी जमीन तक नहीं आ रही है, इसलिए तापमान में इजाफा नहीं हो रहा है.

 

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