बस चार चीजों को फॉलो कर अमित शाह ने दवाओं से पाई मुक्ति

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिवर को शरीर को स्वस्थ रखने का गेटवे बताते हुए खान-पान पर विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया। युवाओं से अपील की कि शरीर को फिट रखने के लिए दो घंटा व्यायाम करें। छह घंटे की भरपूर नींद लें।

उन्होंने डायबिटीज की बीमारी नियंत्रित होने का अपना उदाहरण दिया। बताया कि मई 2020 से दिनचर्या और खानपान का ध्यान रख रहे हैं। साफ पानी, संतुलित आहार, छह घंटे की नींद लेते हैं। रोजाना दो घंटे व्यायाम करना नहीं भूलते। इसका परिणाम रहा कि साढ़े चार साल में एलोपैथ की सभी दवाएं और इंसुलिन अब बंद हो चुकी हैं। इससे न केवल काम करने बल्कि सोचने, निर्णय लेने और समाज में योगदान की क्षमता भी बढ़ी है।

‘देश के नागरिकों का स्वस्थ रहना काफी जरूरी’

गृह मंत्री शाह शनिवार को विश्व लिवर दिवस पर आईएलबीएस में आयोजित ‘स्वस्थ लिवर-स्वस्थ भारत’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जो हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो और हर क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करता हो। मगर विकसित भारत की संकल्पना बीमारों की फौज के साथ नहीं की जा सकती। इसके लिए बहुत जरूरी है हर नागरिक का स्वस्थ रहना। वेदों में कहा गया है कि आहार ही औषधि है। आज इस थीम को स्वीकार कर पूरा विश्व आगे बढ़ रहा है।

युवाओं के शरीर के साथ लिवर का रखना होगा ध्यान: शाह

उन्होंने कहा कि कहा कि युवा राष्ट्र निर्माण में बेहतर योगदान दे सकें, इसके लिए उन्हें शरीर के साथ ही लिवर के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। अपने शरीर के लिए छह घंटे की नींद और दो घंटे के व्यायाम का समय रिजर्व कर लें। गृह मंत्री ने कहा कि हर नागरिक स्वस्थ रहे, इसके लिए पूरी समग्रता के साथ काम करने की जरूरत थी। इस पर पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी गंभीरता के साथ काम किया।

उन्होंने कहा कि गांवों की रसोई तक गैस सिलिंडर पहुंचाए तो इसके पीछे महिलाओं के फेफड़े और आंखों को स्वस्थ रखने की मंशा थी। घर-घर शौचालय बनवाए, ताकि लोग बीमार कम पड़ें। मिशन इंद्रधनुश के तहत जन्म से 13 वर्ष तक टीकाकरण की व्यवस्था दी। वहीं, 1.32 करोड़ महिलाओं को टीके लगवाए, ताकि ये स्वस्थ रहें। घरों तक नल से फ्लोराइड विहीन साफ पानी पहुंचाया। खेलो इंडिया और फिट इंडिया मुहिम शुरू की। विश्व योग दिवस लेकर आए, जिसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से सीधा संबंध है।

बीमारी गरीब के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं: शाह

उन्होंने कहा कि लोग बीमार ही न हों, ऐसी जीवन पद्धति आज आयुष दे रहा है। बड़े-बड़े एलोपैथिक अस्पताल भी अपने यहां आयुष का विंग खोलकर इसे मान्यता दे रहे हैं। इन सब के बाद भी यदि कोई बीमार पड़ जाए तो अमीर व्यक्ति तो रास्ता खोज लेता है। पर 70 करोड़ गरीबों के लिए बीमारी केवल शरीर के लिए नहीं, उनके बच्चों के भविष्य के लिए भी अभिशाप होता है। वो ये खर्चा कर ही नहीं पाते। आज देश के 70 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक के इलाज में ‘कानी पाई’ भी खर्च करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने देश के कॉरपोरेट जगत से अपने सीएसआर पहल में स्वस्थ लिवर के प्रचार को महत्व देने व इस दिशा में काम करने वाली संस्थाओं को सहायता देने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री ने आइएलबीएस में इंटीग्रेटेड लिवर रिहैबलिटेशन सेंटर का उद्घाटन किया। साथ ही ‘हील्ड’ योजना का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य ‘लिवर’ को स्वस्थ रखने के प्रति देशभर में जागरूकता फैलाना है। इस दौरान लिवर जागरूकता पर कार्टून पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। लिवर स्वास्थ्य के क्षेत्र जागरूकता के लिए सुजीत कुमार, डॉ. अशोक चौहान व केएल जैन को ‘लिवर चैंपियन’ पुरस्कार से सम्मानित किया।

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