बरेली में भारी बारिश के कारण स्कूल बंद, पीलीभीत में दो दिन की छुट्टी

बरेली और पीलीभीत में सितंबर माह की शुरुआत तेज बारिश के साथ हुई। रविवार रात से ही बारिश शुरू हो गई। बारिश के कारण में बरेली में सोमवार को स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। वहीं पीलीभीत में दो दिन का अवकाश घोषित किया गया है।
एक बार फिर मानसूनी बारिश में तेजी आ गई है। रविवार को पीलीभीत में लगातार आठ घंटे तक बारिश हुई, जिससे पूरे शहर में पानी भर गया। सोमवार के लिए मौसम विभाग ने पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बदायूं और बरेली में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
बरेली में रात से ही तेज बारिश शुरू हो गई। पीलीभीत में भी बरसात का क्रम जारी है, जिसको देखते हुए जिले के सभी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई है। शारदा और देवही नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले में फिर बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। बरेली में भी आठवीं तक के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है।
पीलीभीत: 8 घंटे में 55 मिमी हुई बारिश
पीलीभीत में रविवार को आठ घंटे में हुई 55 मिमी बारिश हुई। शहर के मुख्य मार्गों पर चार फुट तक पानी भर गया। इस कारण बाजार लगभग बंद रहे। स्कूलों में पानी भरने के मद्देनजर डीएम ने सभी स्कूलों में एक और दो सितंबर को अवकाश घोषित कर दिया है।
बदायूं में 8.5 मिमी. बारिश हुई, जबकि शाहजहांपुर और खीरी में बूंदाबांदी हुई। बरेली में रविवार शाम से शुरू हुआ हल्की बारिश का दौर रातभर चलता रहा। रात में तेज बारिश हुई, जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया। सोमवार सुबह लोगों को जलभराव से जूझना पड़ा।
चार साल का टूटा रिकॉर्ड, अगस्त में हुई 385 मिमी बारिश
बरेली में अगस्त की शुरुआत से हो रही झमाझम बारिश ने चार साल बाद नया रिकॉर्ड बनाया। 385 मिमी बारिश से शहरवासी तरबतर हुए। मौसम विभाग ने सितंबर में भी सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान जताया है। मानसून की सक्रियता से सितंबर की शुरुआत तेज बारिश से हुई है।
मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक अगस्त में चार बार निम्न वायुदाब का क्षेत्र बना। पांच बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ। इनमें से तीन विक्षोभ की पारस्परिक प्रतिक्रिया के प्रभाव से बरेली में अगस्त में सामान्य से 125 मिमी ज्यादा बारिश हुई। साथ ही, बारिश के दिन (22) भी दोगुने से ज्यादा रहे।
इससे पहले वर्ष 2021 में 340 मिमी बारिश हुई थी। अगस्त में सामान्य तौर पर 260 मिमी बारिश होती है। मानसूनी जलवायु मॉडल के अनुसार सितंबर में भी मानसून हावी होने से सामान्य से अधिक बारिश होगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक बारिश का माहौल बन रहा है।