बरसात में टूट-टूटकर झाड़ू हो गए हैं बाल, तो घबराएं नहीं

देशभर में बारिश के कारण कई समस्याएं हो रही हैं जिनमें बालों का झड़ना भी शामिल है। मानसून में नमी और तापमान के बदलाव से स्कैल्प का नेचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है जिससे बाल झड़ने लगते हैं। ऐसे में कुछ बातों को ध्यान में रख आप अपने बालों की देखभाल कर सकते हैं।

बीते कुछ दिनों से देशभर में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। चारों तरफ पानी-पानी हो रहा है। लगातार हो रही बरसात की वजह से न सिर्फ हर तरफ पानी भरने लगा है, बल्कि इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं भी हो रही है। मानसून के दिनों में सेहत से जुड़ी समस्याएं आम हैं, लेकिन इसके साथ ही इन दिनों बालों से जुड़ी परेशानियां भी लोगों के लिए मुसीबत बनी रहती है।

इस दौरान अक्सर बाल झड़ने की समस्या काफी आम होती है। इसलिए अगर पिछले कुछ हफ्तों से आपके बाल लगातार झड़ रहे हैं या टूटकर गिर रहे हैं, तो घबराएं नहीं, ये मानसून का ही असर है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्यों बरसात में अक्सर क्यों बेजान और सामान्य से ज्यादा झड़ने लगते हैं बाल? साथ ही जानेंगे कैसे आप इस मौसम में अपने बालों की देखभाल कर सकते हैं।

मानसून में बालों के झड़ना का कारण क्या है?
बदलते मौसम की वजह से बालों से जुड़ी समस्याएं होना कोई नई बात नहीं है। जिस तरह गर्मियों और सर्दियों में हमारी स्किन अलग-अलग तरह से व्यवहार करती है, उसी तरह बाल भी पर्यावरण में बदलाव के मुताबिक रिएक्ट करते हैं। मानसून में नमी, उमस और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण स्कैल्प के नेचुरल बैलेंस और बालों के विकास चक्र में रुकावट आती है और इसी की वजह से इस मौसम में बाल झड़ने लगते हैं।

आमतौर पर हमारे बाल प्रतिदिन 50-100 बाल झड़ते हैं, लेकिन मानसून के दौरान बालों की यह संख्या काफी बढ़ सकती है। सिर की स्किन में बहुत ज्यादा नमी के कारण फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बालों की जड़े कमजोर होती है और बालों के नेचुरल बैलेंस बिगाड़ता है, जो बाल झड़ने का कारण बनता है।

इन वजहों से भी झड़ते हैं बाल
एसिड रेन और प्रदूषक: प्रदूषकों के साथ मिलकर बारिश का पानी बालों में नेचुरल केराटिन को खत्म कर देता है, जिससे बाल कमजोर हो जाते हैं।

एक्स्ट्रा सीबम: नमी बालों में तेल के प्रोडक्शन को बढ़ाती है, जिससे रोमछिद्र यानी पोर्स गंदगी और डेड स्किन सेल्स के कारण बंद हो जाते हैं, जिससे जड़ें और भी लूज हो जाती हैं।

विटामिन डी में कमी: बरसात के दिनों में सूरज की रोशनी के कम संपर्क में आने से विटामिन डी का लेवल कम हो जाता है, जिससे पोर्स का फंक्शन प्रभावित होता है।

ऐसे रखें बालों का ख्याल
अगर बारिश में आपके बाल भीग जाते हैं, तो उन्हें तुरंत किसी माइल्ड शैम्पू से धो लें। इससे बाल फ्रेश और खुजली मुक्त रहेंगे।

बालों के नेचुरली सूखने का इंतजार न करें। बाल धोने के तुरंत बाद सुखाने के लिए कम तापमान पर ड्रायर का इस्तेमाल करें।

पसीने से तर स्कैल्प और चिपचिपे बालों से छुटकारा पाने के लिए रोजाना बाल धोएं।

नियमित अंतराल पर ट्रिमिंग करवाएं। इससे बालों के सिरे हेल्दी रहेंगे और आपके बालों को अच्छा आकार मिलेगा।

मानसून में हफ्ते में एक बार धोने से पहले स्कैल्प पर 5 मिनट के लिए ताजा एलोवेरा जेल लगाएं।

हर बार बाल धोने से पहले बालों पर 5 मिनट तक तेल लगाएं। इससे बाल मुलायम और हेल्दी रहेंगे।

बालों को खुला रहने दें, मानसून में बालों को हर समय बांधकर न रखें। इससे बाल और स्कैल्प पसीने से तर हो जाते हैं और समस्याएं पैदा होती हैं।

गीले बालों में बाहर न निकलें। नमी, धूल और प्रदूषण बालों पर बुरा असर डाल सकते हैं।

इस मौसम में स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें। ये प्रोडक्ट्स स्कैल्प पर जम जाते हैं और जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

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