बजट 2019 में क्या कारोबारियों को मिलेगी राहत, कौन सी बड़ी घोषणाएं करेंगे जेटली?

हर वर्ष पेश होने वाले आम बजट से देश के तीन वर्गों कारोबारी, करदाता और मध्य वर्ग को खासी उम्मीदें होती हैं। 2018 के आम बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव न होने और कस्टम ड्यूटी के साथ एजुकेशन एवं हेल्थ सेस में इजाफे से करदाता और मिडिल क्लास दोनों को मायूसी हाथ लगी थी। हालांकि दूसरी तरफ कॉरपोरेट टैक्स की दरों को 30 से 25 फीसद किए जाने से कारोबारी वर्ग को राहत भी मिली। बीते वर्ष का आम बजट आम लोगों से जुड़ीं कई सारी योजनाओं की सौगात लेकर आया था। इस बार 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट, पूर्ण बजट नहीं है लेकिन इन तीनों की वर्गों को इस बार राहत की उम्मीद है।

टैक्स पेयर की क्या हैं उम्मीदें: ई-मुंशी के टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता ने बताया कि जैसा कि वर्ष 2019 में 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट अंतरिम बजट है, लिहाजा इसमें टैक्सपेयर्स को ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। हालांकि इस बजट में आयकर की धारा 80C की सीमा में इजाफा जरूर किया जा सकता है। जेटली अपने इस अंतरिम बजट में इस सीमा को 1.50 लाख से बढ़ाकर 2 लाख तक जरूर ले जा सकते हैं।
किस वर्ग को मिल सकती है राहत: केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि इस बार का अंतरिम बजट पूरी तरह से किसानों के हित वाला होगा। जैसा कि देखा गया है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में चुनाव जीतने के बाद ही सरकारों ने किसानों के हित में फैसले लेने शुरू कर दिए। उस लिहाज से जेटली अपने इस अंतरिम बजट को पूरी तरह से किसानों पर केंद्रित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों के इस्तेमाल के कृषि संबंधी उपकरणों (ट्रैक्टर एवं इससे जुड़े सामान, थ्रेसर, लेवलर, हल, सीड डिस्पेंसर और यूरिया डिस्पेंसर आदि) पर सब्सिडी में इजाफा किया जा सकता है। वहीं एग्री एक्सपोर्ट एवं वेयर हाउस सेग्मेंट में भी किसानों को बड़ी सौगात दी जा सकती है।

कौन सी बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं जेटली?
ब्रोकिंग फर्म कार्वी कमोडिटी के हेड रिसर्च रवि सिंह ने बताया कि अगर बड़ी घोषणाओं की बात करें तो इस अंतरिम बजट में किसानों के हितों को खासा ध्यान में रखा जा सकता है। इसमें कृषि MSP को लेकर और किसान कर्जमाफी से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। इसके अलावा ज्वैलरी एक्सपोर्ट को लेकर भी कुछ प्रमुख घोषणाएं की जा सकती हैं, वहीं इन्फ्रास्ट्रक्टर के सेग्मेंट में भी कुछ घोषणाओं की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा अगर जीएसटी की बात करें तो कुछ इंडस्ट्रीज को इसमें राहत मिल सकती है जैसे कि होटल इंडस्ट्री में जीएसटी की दर थोड़ा कम की जा सकती है।

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