बजट में दिल्ली-NCR की परिवहन परियोजनाओं और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी रहा खास जोर

केंद्र सरकार के बजट में दिल्ली के लिए कोई नई योजना नहीं है। केंद्रीय करों में दिल्ली की हिस्सेदारी भी नहीं बढ़ाई गई है पर कई अहम परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट का आवंटन कर उन्हें गति देने की कोशिश जरूर की गई है। दिल्ली-एनसीआर की परिवहन परियोजनाओं और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी खास जोर रहा है। 45 लाख रुपये तक का मकान खरीदने पर ब्याज में 3.5 लाख तक की छूट की घोषणा से रियल एस्टेट बाजार के भी गति पकड़ने की संभावना है।

दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए करीब 974 करोड़ का बजट आवंटित कर परियोजना को गति दी गई है। चंद्रावल जल शोधन संयंत्र फेज-2 के लिए 300 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। इस संयंत्र का शिलान्यास हाल में ही हुआ था। अब निर्माण कार्य जोर पकड़ेगा।

चार प्रमुख अस्पतालों के लिए 6,161.15 करोड़ का प्रावधान
दिल्ली के चार प्रमुख अस्पतालों के लिए 6,161.15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इन अस्पतालों में एम्स, सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी व कलावती शरण अस्पताल शामिल हैं। आरएमएल और सफदरजंग में सांध्यकालीन ओपीडी भी अब जल्द शुरू होने की संभावना नजर आ रही है।

मेट्रो फेज चार की परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार
दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए बजट में 414.70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे अधर में लटकी फेज-4 की परियोजनाओं को रफ्तार मिलेगी। केंद्र सरकार अनुदान के रूप में यह रकम दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को देगी। फेज-4 में दिल्ली में छह मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे, जिनकी लंबाई 103.93 किमी होगी।

इस बजट में देश की मेट्रो परियोजनाओं के लिए 17 हजार 715 करोड़ 93 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें से 414.70 करोड़ रुपये दिल्ली मेट्रो फेज4 की परियोजनाओं के लिए निर्धारित हैं। दिल्ली सरकार भी मौजूदा वित्त वर्ष में दिल्ली मेट्रो के लिए करीब 500 करोड़ के बजट का प्रावधान किया था। इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष में मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 914 करोड़ 70 लाख की राशि का प्रावधान हो चुका है।

7892.86 करोड़ से मजबूत होगी दिल्ली की सुरक्षा
आम बजट में दिल्ली पुलिस के लिए 7892 करोड़ 86 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि गत वर्ष की तुलना में 465.88 करोड़ रुपये अधिक है। उक्त बजट दिल्ली की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने सहित पुलिस को आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस करने पर खर्च होगा।

बजट को तीन भागों में बांटा गया है। इसमें प्रशासनिक कार्य, दिल्ली पुलिस की योजनाएं और महिला सुरक्षा निर्भया फंड प्रमुख हैं। बजट में बढ़ोतरी के बावजूद कुछ योजनाओं और निर्भया फंड के बजट में कुछ कमी की गई है। गत वर्ष यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) को लागू कराने के लिए दी गई राशि और निर्भया फंड का पूरा बजट खर्च नहीं हो पाया था। इस बार बजट में अधिकारियोंकर्मियों के वेतन, कार्यालय खर्च, वाहन, वर्दी, विज्ञापन, प्रचार, स्वास्थ्य, किराया और हथियार की खरीद पर जोर दिया गया है।

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