फुटपाथ पर बनी दरगाह तोड़ने पर फिर विचार के निर्देश

कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया कि वह मामले की नए घटनाक्रमों को देखते हुए पुन: जांच करे। यह दरगाह मथुरा रोड पर नीला गुम्बद के पास अमीर खुसरो पार्क में स्थित है, जहां फुटपाथ पर कब्रों के कारण पैदल यात्रियों को असुविधा का मुद्दा है।

हाईकोर्ट ने प्राचीन दरगाह हजरत भूरे शाह को ध्वस्त करने के मामले को दिल्ली सरकार की रिलिजियस कमेटी को वापस भेज दिया है। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया कि वह मामले की नए घटनाक्रमों को देखते हुए पुन: जांच करे। यह दरगाह मथुरा रोड पर नीला गुम्बद के पास अमीर खुसरो पार्क में स्थित है, जहां फुटपाथ पर कब्रों के कारण पैदल यात्रियों को असुविधा का मुद्दा है। याचिकाकर्ता यूसुफ बैग, जो खुद को दरगाह का केयरटेकर बताते हैं, ने अप्रैल 2023 में दिल्ली सरकार और अन्य अधिकारियों के खिलाफ याचिका दायर की थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि था कि 1 अप्रैल 2023 को बिना नोटिस के दरगाह की संरचना को तोड़ दिया गया, जिससे उन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा मांगा। कोर्ट ने 19 अप्रैल 2023 को यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और विभिन्न विभागों- पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी), म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (एमसीडी), डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट साउथ-ईस्ट, लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एलएंडडीओ), दिल्ली वक्फ बोर्ड और याचिकाकर्ता के प्रतिनिधि से साइट का निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी।

दिल्ली वक्फ बोर्ड ने वापस लिया दावा
दिल्ली वक्फ बोर्ड की शुरुआती रिपोर्ट में इसे 1976 की गजट अधिसूचना में सूचीबद्ध वक्फ संपत्ति बताया गया। इसमें 1000 वर्ग गज क्षेत्र का उल्लेख है, लेकिन बाद में दाखिल लिखित सबमिशन में बोर्ड ने अपना रुख बदलते हुए कहा कि कोई अधिकृत संरचना का रिकॉर्ड नहीं है और कब्रों की स्थानांतरण की सिफारिश का विरोध नहीं करता। बोर्ड ने यह भी माना कि फुटपाथ पर कब्रें पैदल यात्रियों के लिए असुविधाजनक हैं और उन्हें पास की उपयुक्त जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता है।

याचिकाकर्ता का दावा- 500 साल पुरानी है दरगाह
कोर्ट ने रिलिजियस कमेटी की 17 जुलाई 2023 की बैठक के मिनट्स का हवाला दिया, जिसमें कमेटी ने कब्रों को फुटपाथ से हटाने और दूसरी जगह स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी। कमेटी ने नोट किया कि एक व्यक्ति (सैयद भूरे शाह) के नाम पर कई मजार होने से सवाल उठते हैं और यह पैदल यात्रियों के लिए बाधा हैं।

15 मीटर सार्वजनिक भूमि पर है अतिक्रमण
निरीक्षण रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी, एसडीएम और एलएंडडीओ ने स्पष्ट किया कि दरगाह मथुरा रोड के राइट ऑफ वे में आती है और यह सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण है। रिपोर्ट के अनुसार, फुटपाथ पर 7 कब्रें या मजार हैं, जो लगभग 15 मीटर क्षेत्र को कवर करती हैं और पैदल यात्रियों के लिए बाधा हैं। एलएंडडीओ ने कहा कि यह भूमि पीडब्ल्यूडी के रखरखाव में है और कोई आवंटन दरगाह के नाम पर नहीं किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button