नही रहा क्यूबा का क्रांतिकारी नेता कास्त्रो, अकेले लिया था अमेरिका से पंगा

हवाना। क्यूबा के क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रों का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
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फीदेल कास्त्रो का निधन
मालूम हो, क्यूबा की सन् 1959 में हुई क्रांति के नेता फीदेल कास्त्रो इसी साल अगस्त में अपना 90 वां जन्मदिन मनाया था। स्वास्थ्य कारणों से बहुत कम दिखाई देने वाले कास्त्रो के जन्मदिन पर कार्ल मार्क्स सभागार में समारोह आयोजित किया गया था।
समारोह का लाइव टेलीकास्ट पूरे देश ने देखा और खुशियां मनाईं थी। जैसे आधी रात में तारीख बदली, वैसे ही बैंड ने हैप्पी बर्थडे… की धुन बजाई गई थी।
अमेरिका के बिल्कुल नजदीक क्यूबा में कम्युनिस्ट शासन चलाने वाले कास्त्रो ने खराब स्वास्थ्य के चलते सन 2008 में देश की सत्ता अपने छोटे भाई राउल कास्त्रो को सौंप दी थी। लेकिन पर्दे के पीछे वे ही असली ताकत बने हुए थे।
कास्त्रो करीब आधा शताब्दी तक अमेरिका की आंख की किरकिरी बने रहे। इस दौरान कई बार उन्हें मारने की साजिश हुईं लेकिन वह बाल-बाल बचते रहे। माना जाता है कि इन साजिशों के पीछे अमेरिकी खुफिया संस्था सीआइए थी।
इस कटुता को दूर करने की नीयत से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इसी साल मार्च में हवाना दौरे पर आए। यह किसी अमेरिकी नेता की 88 साल में पहली क्यूबा यात्रा थी। ओबामा ने इस दौरान क्यूबा की जनता से भी बात की और लोकतंत्र की चर्चा की। फीदेल को यह नागवार लगा। उन्होंने इसकी निंदा भी की।