फिर अकाली दल के प्रधान बने सुखबीर: सर्वसम्मति से हुआ चयन

अमृतसर में श्री दरबार साहिब के परिसर में तेजा सिंह समुंदरी हाॅल में 500 से ज्यादा डेलीगेट्स ने नए अध्यक्ष का चुनाव किया। नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा के साथ पदाधिकारी के अलावा नई वर्किंग कमेटी गठित की गई।

पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान चुन लिए गए हैं। किसी और नाम की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से सुखबीर के नाम पर मुहर लग गई।

अकाली दल का दोबारा अध्यक्ष बनने पर सुखबीर बादल ने सभी से इकट्ठे होकर चलने का आह्वान किया। सुखबीर ने कहा कि एक राजनीतिक साजिश के तहत अकाली दल को खत्म करने की योजना लागू हो रही थी। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों का मजबूत होना समय की जरूरत है। सुखबीर ने कहा कि सभी को एकजुट होकर अकाली दल को खत्म करने वाली पार्टियों का विरोध करना होगा।

वहीं वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस हमेशा अकाली दल को तोड़ने की साजिश करती रही है। मजीठिया ने कहा कि बागी भी अकाली विरोधी पार्टियों के हाथों में खेल रहे हैं।

2008 से थे प्रधान, नवंबर में दिया था इस्तीफा
सुखबीर 2008 से लगातार शिअद के प्रधान थे। पिछले साल नवंबर में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से पार्टी में नए अध्यक्ष के नाम की चर्चाएं तेज थीं।

पार्टी में बगावत के बाद से बढ़ा इस्तीफे का दबाव
पंजाब में शिअद के पतन भले ही बेअदबी की घटनाओं के बाद शुरू हो गया था लेकिन जब तक प्रकाश सिंह बादल जीवित रहे, पार्टी में विरोधी सुर मुखर नहीं हुए। उनके निधन के बाद से ही वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी प्रधान सुखबीर बादल पर निशाना साधना शुरू कर दिया। पार्टी प्रधान को बदलने की मांग उठने ली। सुखबीर प्रधानगी छोड़ने को राजी नहीं हुए तो कई वरिष्ठ नेताओं ने शिअद का साथ छोड़ अलग पार्टी बना ली। प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप वडाला और बीबी जागीर कौर समेत कई नेताओं ने सुधार लहर को शिअद के बराबर खड़ा कर दिया। बेअदबी के मामलों को लगातार उठाकर सुखबीर पर इस्तीफे के लिए दबाव डाला।

अकाल तख्त से घोषित हो चुके हैं तनखाहिया
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर बागी अकालियों ने एक जुलाई को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाए थे कि अकाली दल की सरकार के दौरान विभिन्न धार्मिक गलतियां की गई हैं। इसके लिए अकाली दल का नेतृत्व पूरी तरह जिम्मेदार है। सरकार में सुखबीर बादल डिप्टी सीएम थे। इसके बाद सुखबीर बादल 30 अगस्त को जत्थेदार रघबीर सिंह द्वारा तनखाहिया घोषित किए गए थे। इसके बाद सुखबीर को धार्मिक सजा दी गई थी।

इसी सजा के दाैरान चार दिसंबर को श्री हरमंदिर साहिब में सुखबीर बादल पर जानलेवा हमला हुआ। हमले में बादल बाल-बाल बच गए थे। स्वर्ण मंदिर में बादल पर गोली चलाई गई है। वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया था।

अभी बलविंदर सिंह भूंदड़ हैं कार्यकारी अध्यक्ष
तनखाहिया करार होने के कारण सुखबीर बादल चुनाव प्रचार व अन्य राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते थे। सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ को शिरोमणि अकाली दल का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था।

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