फवाद हुसैन का कहना है कि भारत ने श्रीलंका के क्रिकेटरों को दी है धमकी, और कहा…

पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फवाद हुसैन एक बार फिर अपने बेतुके बयान की वजह से चार्चा में हैं. फवाद हुसैन का कहना है कि भारत ने श्रीलंका के क्रिकेटरों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से मना नहीं किया तो उन्हें आईपीएल से बाहर कर दिया जाएगा. इसके बाद सोशल मीडिया पर फवाद हुसैन की जमकर खिंचाई की गई. बता दें कि श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के 10 खिलाड़ियों ने पाकिस्तान दौरे पर जाने से साफ इनकार कर दिया है. इन खिलाड़िय़ों में वनडे टीम के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने, टी-20 कप्तान लसिथ मलिंगा, पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज जैसे सीनियर खिलाड़ी शामिल हैं. श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी थी.

चौधरी फवाद हुसैन ने ट्वीट करते हुए कहा,  ‘स्पोर्ट्स कमेंटेटरों ने मुझे बताया कि भारत ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से मना नहीं किया तो उन्हें आईपीएल से बाहर कर दिया जाएगा, यह वास्तव में सस्ती रणनीति है, खेल से लेकर अंतरिक्ष तक अंधराष्ट्रीयता एक ऐसी चीज है जिसकी हमें निंदा करनी चाहिए, भारतीय खेल अधिकारियों की ओर से वास्तव में यह काफी घटिया कदम है.’

फवाद हुसैन के ऐसे बेतुके बयान की वजह से सोशल मीडिया पर फैंस ने उनको जमकर ट्रोल करना शुरू कर दिया. सोशल मीडिया पर फवाद हुसैन की जमकर खिंचाई की गई.

गौरतलब है कि श्रीलंका की टीम पर पाकिस्तान में 3 मार्च 2009 को हमला हुआ था. श्रीलंकाई क्रिकेट टीम उस वक्त लाहौर में टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट खेल रही थी. टीम तीसरे दिन के खेल के लिए अपने होटल से गद्दाफी स्टेडियम जा रही थी, तब 12 नकाबपोश आतंकियों ने उनकी टीम बस पर हमला कर दिया था. इस हमले में श्रीलंकाई टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, अजंथा मेंडिस, थिलन समरवीरा, थरंगा पारनविताना और चामिंडा वास घायल हो गए थे. हमले में पाकिस्तान पुलिस के 6 जवान समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. हमले के बाद श्रीलंका की टीम दौरा बीच में छोड़कर घर लौट आई थी.

इस दौरान बस को मेहर मोहम्मद खलील नाम का ड्राइवर चला रहा था. खलील की सूझबूझ ने पूरी टीम को मौत के मुंह से निकाल दिया था. वह भारी गोलीबारी के बीच बस को लगातार चलाकर स्टेडियम तक पहुंच गया. टीम बस पर हुए हमले की पूरी घटना के बारे में खलील ने बताया था. खलील के मुताबिक, ‘शुरुआत में मुझे लगा कि लाहौर के लोग जश्न में पटाखे फोड़ रहे हैं. लेकिन थोड़ी देर बाद ही दो लोग मेरी तरफ दौड़ते हुए आए और गोलियां बरसाने लगे. इसके बाद मुझे लगा कि हमला हुआ है.’ आतंकियों ने सबसे पहले बस को ही निशाना बनाया. पहले गोलियां चलाईं फिर रॉकेट भी दागा. लेकिन निशाना चूक गया. बस पर हैंड ग्रेनेड से भी हमला किया गया, लेकिन ग्रेनेड फटने के पहले बस उसके ऊपर से गुजर कर पार हो गई.

खलील के मुताबिक, ‘उस वक्त मैं घबरा गया, लेकिन तभी श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने चिल्लाते हुए बस भगाने को कहा. मुझे 440 वोल्ट करंट जैसा महसूस हुआ. फिर पता नहीं क्या हुआ, मैं बिना कुछ सोचे समझे बस भगाने लगा.’ आखिरकार उसने 20 मिनट के अंदर बस को गद्दाफी स्टेडियम में लगा दिया. इस तरह खलील की बहादुरी से खिलाड़ियों की जान बच पाई. हमले के बाद श्रीलंकाई प्लेयर्स को स्टेडियम से एयरलिफ्ट कर एयरपोर्ट पहुंचाया गया था. खलील को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सम्मानित भी किया था.

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