फरीदाबाद के डीसी व नगर आयुक्त को हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने भेजा कारण बताओ नोटिस

आयोग ने शिकायत के आधार पर उपायुक्त फरीदाबाद, कार्यकारी अभियंता और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (तिगांव) को कई बार रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने फरीदाबाद के डीसी व नगर आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही आयोग के आदेशों की अवमानना करने पर तीन मामलों में प्रति मामले 20,000 रुपये जुर्माने की चेतावनी भी दी है। आयोग ने मानवाधिकार निर्देशों की बार-बार अनदेखी करने के लिए दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
आयोग के सदस्य दीप भाटिया द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि आयोग की अवमानना न केवल कानून की अवहेलना है, बल्कि पीड़ितों के न्याय के अधिकार में भी बाधा उत्पन्न करती है।
दरअसल , आयोग ने शिकायत के आधार पर उपायुक्त फरीदाबाद, कार्यकारी अभियंता और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (तिगांव) को कई बार रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। 16 मई 2025 को उपायुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी किए जाने के बावजूद आयोग को कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई, न ही कोई अधिकारी आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकारी मामले को हल्के में ले रहे हैं।
इसी तरह गांव बुखारपुर, तहसील बल्लभगढ़ निवासी इन्द्रराज सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके गांव से आने-जाने का मुख्य रास्ता अत्यंत खस्ताहाल स्थिति में है, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि उन्हें पास के दूसरे गांव से होकर आना-जाना पड़ता है। इन्द्रराज सिंह के अनुसार, बरसात के मौसम में यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है, जिससे विद्यार्थियों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष परेशानी होती है।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि उन्होंने इस संबंध में प्रशासन को कई बार वैकल्पिक रास्ता बनाए जाने के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।
इसी तरह एनआईटी फरीदाबाद की कपड़ा कॉलोनी के निवासी दीपक त्रिपाठी ने आयोग को ईमेल के माध्यम से अपनी शिकायत भेजी थी, जिसमें उन्होंने फरीदाबाद क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरण मानकों के उल्लंघन और प्रदूषित जल के अनियमित निस्तारण को उजागर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के प्रदूषण से आम जनता के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जबकि संबंधित विभाग विशेष रूप से हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम फरीदाबाद इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस तरह की शिकायत पर आयोग के निर्देश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।