पड़ोसी देश पाकिस्तान में हिंदू बहनों के जबरन धर्मांतरण पर आयोग गठित, निष्पक्ष जांच की मांग

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो नाबालिग बहनों के अपहरण के बाद उनका जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करने के मामले की जांच के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने आयोग का गठन किया है। चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह के नेतृत्व वाली बेंच ने दोनों बहनों और उनके कथित पतियों की ओर से सुरक्षा मांगे जाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में हिंदू बहनों के जबरन धर्मांतरण पर आयोग गठित, निष्पक्ष जांच की मांग

इस मामले के सामने आने के बाद पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में गुस्सा है। इन हिंदू लड़कियों से कथित तौर पर सफदर अली और बरकत अली नाम के युवकों ने निकाह कर लिया था। पाक अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों लड़कियों ने कोर्ट में कहा कि वह घोतकी हिंदू परिवार से संबंधित हैं, लेकिन अपनी मर्जी से इस्लाम अपनाया है। उन्होंने इस्लाम की शिक्षाओं से प्रभावित होकर ऐसा किया है। लड़कियों के पालकों की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इस मामले की स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए। जस्टिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए सिफारिशें मांगी हैं।

जस्टिस मिनाल्लाह ने कहा, मामले की निष्पक्ष जांच की जरूरत है। यह जांच न्यायपालिका का नहीं, सरकार का काम है। बेंच ने कहा हमारा काम यह देखना है कि कहीं जबरन धर्मांतरण तो नहीं हुआ है। अदालत ने इसके साथ ही एक 5 सदस्यीय आयोग के गठन का आदेश दिया। यह आयोग इस पूरे मामले की जांच करेगा। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में देश की सबसे अधिक हिंदू आबादी रहती है। 

पाक सरकार आयोजित करेगी आयोग की बैठकें

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करेगी कि यह धर्म परिवर्तन कहीं जबरदस्ती तो नहीं हुआ है। इसे लेकर गठित किए आयोग में केन्द्रीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी, मुफ्ती ताकी उस्मानी, डॉक्टर मेहंदी, अधिवक्ता आईए रहमान तथा राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख खावर मुमताज शामिल हैं। केन्द्र सरकार को आयोग की बैठकें आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई है। 

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