प्लेन की सीट के नीचे एयर होस्टेस को दिखी घिनौनी चीज, इंटरनेट पर डाला वीडियो

लोग जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करते हैं, तो वो ये सोचते हैं कि वो साधन उनकी प्राइवेट प्रॉपर्टी है, इस वजह से वो उस साधन को गंदा करने में लग जाते हैं. भारत में ट्रेनों की ही स्थिति देख लीजिए. आपको यहां की ट्रेनों में काफी गंदगी होते नजर आ जाएगी. मगर ये हाल सिर्फ भारत में ही नहीं है, विदेशों में भी कई लोग ऐसा ही करते हैं, वो भी हवाई जहाज जैसे महंगे साधन में. हाल ही में एक एयर होस्टेस ने अपना प्लेन से जुड़ा अनुभव बताया, जिसमें उसने कहा कि प्लेन में उसे ऐसी चीज नजर आई कि वो देखकर उसे घिन आ गई.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार यह घटना असभ्यता की मिसाल है, जिसने विमान यात्रा के दौरान स्वच्छता और शिष्टाचार की सारी सीमाएं पार कर दीं. दरअसल, एक वायरल वीडियो में एक यात्री को फ्लाइट के दौरान अपने नाखून काटते हुए देखा गया. इतना ही नहीं, उसने नाखून के टुकड़े वहीं फ्लाइट की कारपेट पर छोड़ दिए, ताकि सफाईकर्मी बाद में उन्हें उठाएं. यह घटना न केवल घिनौनी है, बल्कि फ्लाइट अटेंडेंट्स और यात्रियों दोनों के लिए बेहद परेशान करने वाली भी है. इस घटना को फ्लाइट अटेंडेंट लियाना कॉय (Leanna Coy) ने अपने टिकटॉक वीडियो में उजागर किया. वीडियो में उन्होंने क्लिपिंग्स की झलक के साथ “ट्रिगर वॉर्निंग” भी दिया है, खासकर उनके लिए जिनका पेट थोड़ा कमजोर है. वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “ये नाखून हैं. यात्री ने उड़ान के दौरान अपने पैरों के नाखून काटे और उन्हें वहीं छोड़ दिया.”
लोगों ने जताई आपत्ति
यह वीडियो वायरल हो गया है और सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर गुस्से और घिन से भरे हुए कमेंट कर रहे हैं. एक यूज़र ने लिखा, “सीधा जेल भेजो!”, तो किसी ने कहा, “नो फ्लाई लिस्ट में डालो, इस जैसे लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.” एक अन्य ने कहा, “उनके बगल में बैठने वाले लोग कितनी परेशानी में रहे होंगे!” लियाना कॉय पहले भी फ्लाइट में असामान्य व्यवहारों को उजागर कर चुकी हैं- जैसे फ्लाइट में डिकैफ कॉफी ऑर्डर करना, या बिना अनुमति के सीट बदलना लेकिन उनके अनुसार, यह नाखून काटने वाला कृत्य सबसे ज्यादा अस्वीकार्य और अजीब है.
पहले भी लोग कर चुके हैं ऐसी हरकतें
यह कोई पहला मामला नहीं है. कुछ लोग हवाई अड्डों पर पेडीक्योर करना शुरू कर देते हैं, तो कुछ लोग टेक-ऑफ के तुरंत बाद ही अपने पैरों की सफाई शुरू कर देते हैं लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर निजी स्वच्छता संबंधी गतिविधियां करना एक खराब चलन बनता जा रहा है. इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या यात्रियों को बोर्डिंग से पहले शिष्टाचार और स्वच्छता की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए? क्या एयरलाइंस को कुछ व्यवहारों के लिए स्पष्ट “नो टॉलरेंस पॉलिसी” बनानी चाहिए?