पीएम मोदी का प्लान ‘MARM’ जिसके तहत हर हाल में जीतेंगे 2019 का रण

जी हाँ!! पीएम मोदी का प्लान ‘MARM’ जिसके तहत हर हाल में जीतेंगे 2019 का रण| केंद्र की मोदी सरकार फ्रंटफुट पर बल्लेबाजी कर रही है। काले धन को लेकर सरकार ने कई बड़े वादे किए थे। सरकार बनने के बाद 100 दिन के अंदर काला धन वापस आएगा। सरकार के इन वादों के कारण उसे आलोचना भी झेलनी पड़ी। क्योंकि इस तरह के वादे पूरे कहां होते हैं। लेकिन एनडीए सरकार के कार्यकाल के लगभग ढाई साल होने के बाद अब वो फुल फॉर्म में है।

पीएम मोदी का प्लान ‘MARM’ जिसके तहत हर हाल में जीतेंगे 2019 का रण

काले धन के खिलाफ जो सर्जिकल स्ट्राइक सरकार ने की है उस से हाहाकार मच गया है। विरोधी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, मायावती लगातार विरोध का राग अलाप रहे हैं। लेकिन इन नेताओं को नहीं पता है कि ये सरकार के लिए भले का काम कर रहे हैं। काले धन की लड़ाई अब भ्रष्टाचार बनाम मोदी के देश प्रेम में बदल गई है।

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नोटबंदी के बाद सरकार पर हमला शुरू हुआ. एक एक करके सभई विरोधई नेता खुलकर सामने आने लगे। आरंभ में सरकार को थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा। लेकिन जापान से लौटने के फौरन बाद पीएम मोदी ने कमान अपने हाथ में संभाल ली है। जापान से लौटने के बाद प्रधानमंत्री ने गोवा से लेकर गाजीपुर तक हुंकार लगाई। एक तरफ आप, कांग्रे, टीएमसी. बीएसपी जनता की परेशानियों का हवाला देकर निशाना साध रहे थे तो वहीं प्रधानमंत्री सीधे जनता से मुखातिब होकर अपनी बात कर रहे थे। नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा तकलीफ इन्ही राजनीतिक दलों को हो रही है। प्रधानमंत्री जनता को ये समझाने में लगे हुए हैं कि जिनको तकलीफ हो रही है उनके पास काला धन है। जाहिर है कि मायावती, कांग्रेस के घोटालों की लिस्ट उनका काम आसान कर रही है।

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देश में एक आम धारणा है कि राजनीतिक दलों के पास सबसे ज्यादा काला धन है। नरेंद्र मोदी को पता है कि जनता इस पर आसानी से यकीन कर लेती है। उन्हे बस याद दिलाने की जरूरत है। वो यही कर रहे हैं। गोवा से लेकर गाजीपुर तक हर सभा में उन्होने यही दोहराया है। साफ है कि अगर विपक्ष प्रधानमंत्री के इस फैसले का विरोध करता है तो वो भ्रष्टाचार का पोषक नजर आएगा। राहुल गांधी, केजरीवाल, मायावती और ममता बनर्जी इस बात को नहीं समझ पाए हैं। लेकिन नीतीश कुमार समझ गए हैं यही कारण है कि उन्होने खुलकर प्रधानमंत्री मोदी के फैसले का समर्थन किया है।  यानि विरोधी जितना ज्यादा हल्ला करेंगे सरकार के लिए उतना ही फायदेमंद वाली स्थिति होगी। 2019 को लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है लेकिन जिस तरह से विपक्षी दल बौखला गए हैं उस से साफ है कि प्लान MARM (ममता, अरविंद, राहुल और मायावती) प्रधानमंत्री के लिए फायदा ही पहुंचाएगा।

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नोटबंदी के बाद पीएम मोदी के लिए राहत की बात ये है कि जनता का मिला जुला रिएक्शन आया है। परेशानी के बाद भी जनता कह रही है कि सरकार ने सही कदम उठाया है। परेशानी के लिए भी सरकार को कोसने वाले आने वाले ढाई साल में ये सब भूल जाएंगे। नोटबंदी का एलान सरकार ने बीच कार्यकाल में किया है। जनता की याददाश्त कमजोर होती है। जिस तरह से पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री के 56 इंच के सीने की बात की गई। पूरा देश देशप्रेम के ज्वार भाटे में उतराने लगा। हो सकता है कि उसी तरह आने वाले ढाई साल में कुछ और कारनामे किए जाएं। जिनके बाद जनता फिर से सब कुछ भूल जाएगी। और जिस तरह से विपक्षी दल सरकार के हर फैसले के विरोध में लामबंद हो जाते हैं उस से भी मदद मिलेगी सरकार को। विपक्षी दल जनता की आम धारणा को ही मजबूत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री तो उस धारणा को बस जनता को याद दिला रहे हैं।

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