प्रणब मुखर्जी ने किया बड़ा खुलासा : हिन्दुओं से नफरत करती है, सोनिया गाँधी….विडियो
जो बात हर हिंदू पहले से ही जानता था उस बात पर पूर्व राष्ट्रपति कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी ने भी मुहर लगा दी कांग्रेस एक हिंदू विरोधी पार्टी है सोनिया गांधी राहुल गांधी हिंदू विरोधी यही वजह है कांग्रेस राज में हिंदुओं के ऊपर अत्याचार किए गए और हिंदू आतंकवाद की नई परिभाषा गढ़ी गई वह हिंदू मूर्ख है जो आज भी कांग्रेस का समर्थन करते हैं।
सोशल मीडिया के ऊपर 2014 लोकसभा चुनावों से पहले ही यह बात बहुत ज्यादा उठी थी कांग्रेस की नीतियों को देखते हुए कि कांग्रेस एक हिंदू विरोधी पार्टी है सोनिया गांधी हिंदू विरोधी है और उन्होंने अपने शासनकाल में हिंदुओं के ऊपर जुल्म ढाए साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित उसके जीते-जागते उदाहरण है मोदी राज में वह निर्दोष साबित हुए जमानत पर जेल से बाहर आए और उन्होंने खुद सोनिया गांधी से लेकर पूरी कांग्रेस की पोल खोल कर रख दी थी।
लेकिन इस बात का खुलासा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब The Coalition Years में भी हुआ है कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते कांग्रेस की नीतियां हिंदू विरोधी रही हैं.कांग्रेस की सरकार के दौरान ऐसे कई काम किए गए जो सहिष्णु हिंदुओं को आतंकवादी और बलात्कारी बताने की कोशिश की गई। ईसाई मिशनरियों और मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुओं को बार-बार कठघरे में खड़ा किया जाता रहा। सबसे खास यह कि इन कुत्सित कोशिशों की नायिका रहीं हैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी.
आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में बहुत बड़ा खुलासा किया है उन्होंने कहा कि कि किस तरह से सोनिया गांधी के नेतृत्व में हिंदुओं को जानबूझकर फसाया गया एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नवंबर 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने के कुछ महीने के भीतर ही दिवाली वाले दिन शंकराचार्य सरस्वती को एक हत्या के केस में गिरफ्तार करवाया गया था और आपको बता दें कि इस वक्त गिरफ्तारी हुई थी तब वह 2500 साल से चली आ रही त्रिकाल पूजा की तैयारी कर रहे थे। 20 तारीख के बाद कांग्रेस की पुलिस ने फोन पर अश्लील सीडी देखने और छेड़खानी जैसे दूसरे जिन्होंने आरोप लगाए थे हालांकि बाद में यह आरोप सिद्ध नहीं हो पाए थे। प्रणब मुखर्जी ने कहा मैं इस गिरफ्तारी से बहुत ज्यादा नाराज था और कैबिनेट की बैठक में मैंने इस मसले को उठाया भी था मैंने उस सवाल किया था कि देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना सिर्फ हिंदू साधु-संतों महात्मा तक ही सीमित है क्या क्या किसी राज्य की पुलिस में हिम्मत है कि वह मुस्लिम मौलवी को ईद के मौके पर गिरफ्तार करने की हिम्मत दिखा पाए मेरे इस सवाल पर वह चुप रह गए।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की इस किताब में एक बार फिर से पूरे देश के सामने कांग्रेस की पोल खोल के रख दी है अगर इस सच्चाई को जानने के बाद भी कोई कांग्रेस को समर्थन देता है हिंदू उसे हिंदू कहलाने का ही हक नहीं है। इस बड़े खुलासे ने एक बहुत बड़ा सवाल पैदा किया है अब तक मोटे तौर पर यह माना जा रहा था कि कांची पीठ के शंकराचार्य को झूठे मामले के साथ गिरफ्तार चलाने की पूरी साजिश उसको मुख्यमंत्री रही जयललिता ने अपनी सहेली शशि कला के सारे पर रची थी लेकिन अब प्रणब दा के इस खुलासे ने पूरी जांच की सुई और शक की सुई सोनिया गांधी की तरफ घुमा दिया है।
2004 से 2014 के बीच दस साल तक सोनिया गांधी सत्ता के शीर्ष को हैंडल कर रही थी, तब से ही वह हिंदुओं की धार्मिक-सांस्कृतिक आस्थाओं को कुचलने में लगी थी। शंकराचार्य की गिरफ्तारी सिर्फ भारत के हिंदू समाज के सर्वश्रेष्ठ महात्मा को अपमानित करने के लिए की गई थी। यह स्पष्ट है कि हिंदू धर्म के इतने बड़े संत को गिरफ्तार करके मीडिया में उपहास उड़वाने का काम ईसाई साजिश का ही हिस्सा था।
जेल से छुटने के बाद कर्नल पुरोहित ने भी खोली थी कांग्रेस की पोल !
इसके अलावा यह भी माना जाता रहा है कि वेटिकन के इशारे पे दक्षिण भारत में ईसाई धर्म को बेरोक-टोक फैलाने के लिए कांची के शंकराचार्य को जानबूझकर फंसाया गया था। जिस समय मीनाक्षीपुरम में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाओं से पूरा हिंदू समाज सकते में था, तब कांची मठ ने सचल मंदिर बनाकर उन्हें दलित बस्तियों में भेजा और कहा कि अगर वो मंदिर तक नहीं आ सकते तो मंदिर उन तक पहुंचेगा। सामाजिक बराबरी के लिए जितनी कोशिश कांची मठ ने की उतनी शायद और किसी हिंदू संस्थान ने नहीं की होगी। यही कारण था कि वो ईसाई मिशनरियों को खटक रहे थे। उनकी गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश से की गई थी, जहां पर कांग्रेस की सरकार थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तमिलनाडु की वेल्लोर जेल में रखा गया। जहां उनके साथ टॉर्चर भी किया गया।