पेयजल के लिए तरस रहे 612 फैक्टरियों के लाखों कर्मचारी

उद्यमी पानी खरीदने के लिए हर दिन करीब नौ लाख रुपये खर्च करते हैं। उद्यमियों का कहना है कि इलाके में पिछले 32 साल से पेयजल की व्यवस्था नहीं है।
पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में रोजाना लाखों मजदूर काम करते हैं लेकिन यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। उद्यमी पानी खरीदने के लिए हर दिन करीब नौ लाख रुपये खर्च करते हैं। उद्यमियों का कहना है कि इलाके में पिछले 32 साल से पेयजल की व्यवस्था नहीं है।
उद्यमियों का कहना है कि पहले इलाके का मेंटेनेंस का कार्य उद्योग आयुक्त करते थे लेकिन इसके बाद यह कार्य दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) को सौंप दिया गया। कुछ समय बाद इलाके की पाइप लाइन में खराबी आ गई।
लाइन को बदलने और दोबारा से पानी की आपूर्ति करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने डीएसआईआईडीसी से 2019 में धनराशि की मांग की थी, जिसका डीएसआईआईडीसी ने उसी समय भुगतान कर दिया। इसके बाद डीजेबी की ओर से 2019 में ही इलाके की पानी की पाइप लाइनों को बदल दिया गया लेकिन करीब सात साल बाद भी इलाके में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई।
उद्यमियों का कहना है कि विभाग की ओर से पानी की सप्लाई करने के लिए फैक्टरियो में पाइप लाइन का कनेक्शन नहीं किया गया। साथ ही पंप हाउस में सप्लाई बहाल करने के लिए मोटर भी नहीं लगाई है। ऐसे में इलाके के उद्यमी पानी के लिए तरस गए हैं। ऐसे में उद्यमी हर दिन कर्मचारियों के लिए बोतल का पानी खरीदकर उनकी प्यास बुझाते हैं। इसके अलावा पानी से होने वाले अन्य जरूरी कार्यों के लिए उद्यमी अपने खर्चे पर टैंकर मंगाकर पानी की आपूर्ति पूरी करते हैं।
डीजेबी के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि इलाके में पाइप लाइन डाल दी गई है। अभी पंप हाउस में मोटर लगाने का काम जारी है। अगले दो महीने में इलाके में पानी की सप्लाई होने लगेगी। उद्यमियों का कहना है कि इलाके में करीब 612 फैक्टरियां मौजूद हैं। इनमें से प्रत्येक फैक्टरी में हजारों कर्मचारी कार्य करते हैं।
सभी फैक्टरियो में एक महीने में दो करोड़ 17 लाख रुपये का खर्च आता है, जिससे उद्यमियों को परेशानी हो रही है। उद्यमियों और कर्मचारियों का कहना है कि इलाके में पिछले 32 साल से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। पहले यहां पाइप लाइन लगाई गई थी लेकिन फिर भी पानी की सप्लाई नहीं हुई।