पृथ्वी को मिल सकता है ‘जीलएंडिया’ नामक नया महाद्वीप
प्रशांत महासागर के अंदर जलमग्न भारतीय उप-महाद्वीप जितने बड़े क्षेत्र को ‘जीलएंडिया’ के नाम से नये महाद्वीप के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। आज जारी एक नये अध्ययन में यह बात कही गयी है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि दक्षिण पश्चिमी प्रशांत महासागर का 49 लाख किलोमीटर का क्षेत्र महाद्वीपीय परत से बना है। ऑस्ट्रेलिया से इसके अलगाव और व्यापक भू क्षेत्र होने के कारण इसे ‘जीलएंडिया’ का नाम दिया जाना चाहिए। वर्तमान में इसका 94 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है।
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न्यूजीलैंड के विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन और ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के अनुसंधानकर्ताओं ने जीलएंडिया की पहचान भूगर्भीय महाद्वीप के रूप में की है।