पूरी तरह सुरक्षित है लैंडर विक्रम, संपर्क के लिए किया जा रहा है ये काम: इसरो

Chandrayaan 2 के लैंडर विक्रम को लेकर इसरो की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है, वह सही सलामत है। लेकिन इसरो के अधिकारी ने साथ ही बताया है कि लैंडर झुकी हुई पोजीशन में है। फिलहाल इसरो लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश में जुटा हुआ है।

चंद्रयान 2 मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने सोमवार को दावा करते हुए बताया, ‘ऑर्बिटर से मिली थर्मल इमेज को देखकर ये पता चला है कि उसकी हार्ड लैंडिंग हुई है। लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नही है, मतलब वह सुरक्षित है। लेकिन लैंडर एक झुकी हुई स्थिति में जरूर पड़ा हुआ है। ISROTelemetry में एक ISRO टीम काम पर है, यहां ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) पर काम कर रही है।’

हो सकता हैं लैंडर से संपर्क अगर…

बेंगलुरु में 5 दिन में कटे 72 लाख के चालान, पुलिस ने जारी की लिस्ट…

इसरो के अधिकारी ने आगे कहा, ‘जब तक सब कुछ समझ में नहीं आ जाता, लैंडर विक्रम को लेकर उम्मीदें बरकरार हैं। हालांकि लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने की संभावना बेहद कम है। उन्होंने कहा कि अगर वहां एक सॉफ्ट लैंडिंग हुई है और सभी सिस्टम सही तरह काम कर रहे हैं तभी विक्रम लैंडर से संपर्क किया जा सकता है।’

क्यों इतना जटिल है लैंडर से संपर्क

इसरो के अधिकारी ने बताया, ‘ देखिए हमारे पास ऐसे अनुभव हैं जब अंतरिक्ष यान (जो संपर्क खो चुका था) से दोबारा संपर्क स्थापित किया गया है, लेकिन यहां (विक्रम के मामले में) यह इतना लचीला नहीं है। लैंडर विक्रम पहले से ही चांद की सतह पर पड़ा हुआ है और हम इसकी स्थिति नहीं बदल सकते। महत्वपूर्ण बात ये है कि एंटेना को सही करना होगा, उसकी पोजीशन ग्राउंड स्टेशन या ऑर्बिटर की ओर करनी होगी, जो कि आसान नहीं है। ऐसी चीजें अंतरिक्ष में काफी जटिल होती हैं। लेकिन ऐसे समय में भी हमने आशा नहीं छोड़ी है। हम अपनी कोशिश कर रहे हैं।

अधिकारी ने आगे बताया कि लैंडर विक्रम के लिए ऊर्जा इकट्ठा करना कोई बड़ी परेशानी की बात नहीं है, क्योंकि इसके चारों ओर सोलर पैनल हैं और इसमें एक आंतरिक बैटरी है जिसका अधिक उपयोग नहीं किया गया है। इससे वह अपनी ऊर्जा की खपत पूरी कर सकता है।

बता दें, चंद्रयान -2 में एक ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) शामिल है और रोवर (प्रज्ञान) हैं। चांद पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है।

ISRO ने खोज निकाला लैंडर विक्रम

इससे पहले रविवार को लैंडर विक्रम जिससे संपर्क टूट गया था उसकी लोकेशन के बारे में पता चल गया था। इसकी जानकारी ISRO चीफ के.सिवन ने दी। उन्होंने बताया कि ऑर्बिटर से जो थर्मल तस्वीरें मिली हैं, उनसे चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि हम विक्रम से संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।, जल्द ही हम उससे संपर्क साध लेंगे। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में जो ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) लगा है, उसके जरिए ही विक्रम लैंडर की तस्वीर सामने आई है। 

उन्होंने आगे कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। ISRO अब ये पता लगाने की कोशिश करेगा कि क्या विक्रम में किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी हुई जिस वजह से उससे संपर्क टूटा या दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हुआ। साथ ही लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश की जा रही है ताकि उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके। अभी तक आशंका जताई जा रही थी कि कहीं विक्रम किसी गड्ढे में तो नहीं चला गया है। अब के.सिवन द्वारा दी गई इस जानकारी से नई उम्मीद जागी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button