पूरा विपक्ष हुआ हैरान-परेशान, लाल कृष्ण आडवाणी को पीएम मोदी देंगे सबसे बड़ा तोहफा!
नई दिल्ली। इसी साल जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आए दिन कोई न कोई नाम सामने आ रहा है। वहीं अब बीजेपी और संघ की ओर से एक ऐसे नेता का नाम सामने आया है, जिससे कांग्रेस के साथ पूरे विपक्ष की परेशानी बढ़ गई है।
बताया जा रहा है कि बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में कोई कोर-कसर बाकी नही रखना चाहती। पार्टी देश के सर्वोच्च पद पर अपने ही किसी नेता को बिठाना चाहती है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष अपने नेता को राष्ट्रपति की सीट पर बिठाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। विपक्ष की ओर से भी अब तक कई नाम सामने आ चुके हैं।
विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए जिन नामों पर चर्चा है, उनमें जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का नाम भी विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए सामने आया था, लेकिन बाद में पवार ने खुद अपना नाम रेस से वापस ले लिया।
इसके साथ ही गोपाल कृष्ण गांधी का नाम भी विपक्ष की ओर से सामने आया। लेकिन यहां भी विपक्ष के हाथों निराशा ही लगी। गांधी ने भी अपना नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस से बाहर बताया।
वहीं बीजेपी की ओर से भी कई नामों पर चर्चा हो चुकी है। इनमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या के नाम भी शामिल हैं। हालांकि भागवत ने अपना नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस से बाहर बताया है।
इसके बाद अब बीजेपी और संघ की ओर से जो नाम सामने आया है, उसके बाद कांग्रेस के साथ पूरे विपक्ष के होश उड़ गए हैं। बताया जा रहा है कि संघ इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रहा है। हालांकि अभी इस बात का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि बाबरी विध्वंस मामले में ट्रायल के बाद आडवाणी सहित 13 अन्य पर आपराधिक षडयंत्र के आरोप के तहत मुकदमा चलाने का आदेश है। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि लाल कृष्ण आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर हो चुका है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
संवैधानिक जानकारों की मानें तो कोर्ट में ट्रायल चलने के दौरान भी आडवाणी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं। ऐसे में लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है कि क्या भारतीय जनता पार्टी अब लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाएगी।
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आपको बता दें कि कोर्ट में ट्रायल चलने के दौरान अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर आसीन हो जाता है तो भविष्य में आने वाले (राष्ट्रपति पद पर आसीन रहने के कार्यकाल के दौरान) अदालत के किसी भी फैसले का असर उस पर नहीं पड़ेगा।
नियमत: राष्ट्रपति पद पर होने के नाते उस व्यक्ति पर कोई भी मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा। ऐसे में इस बात की चर्चाएं भी हैं कि क्या लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाकर केंद्र की सत्ता में आसीन बीजेपी अपने वरिष्ठ नेता को जीवन दान देगी।