पुष्पांजलि के साथ नम आंखें, गायकर संदीप पांडुरंग को सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि

जम्मू: भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ ने पुष्पांजलि समारोह में बलिदानी सिपाही गायकर संदीप पांडुरंग को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
बलिदानी जवान गायकर संदीप पांडुरंग (निवासी आहिल्यानगर, महाराष्ट्र) 17 राष्ट्रीय राइफल्स के घातक बटालियन से थे। इसी बटालियन के दो अन्य घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घातक बटालियन विशेष प्रशिक्षण व आतंकवाद विरोधी अभियानों में कौशल और बहादुरी के लिए जानी जाती है। इसे विशेष रूप से पहाड़ी और जंगली इलाकों में ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
जम्मू के किश्तवाड़ जिले के सिंहपोरा-छात्रू के घने जंगलों में सुरक्षाचलों और आतंकवादियों के बीच वीरवार सुबह भीषण मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में सेना का एक जवान बलिदान हो गया, जबकि अन्य दो घायल हैं। किसी आतंकी के मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। सेना के अनुसार, ऑपरेशन त्राशी जारी है बलिदानी संदीप। ग्रत और तीन से चार आतंकियों को घेर रखा है। घिरे आतंकियों में पाकिस्तानी आतंकी कमांडर सैफुल्ला बलूची भी हो सकता है।
इन पर हेलिकॉप्टर और डोन से नजर रखी जा रही है। यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू संभाग में आतंकियों से पहली बड़ी मुठभेड़ है। सूत्रों के अनुसार, सेना और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर शरी और मंडाल डोक के घने जंगल में तलाशी अभियान (ऑपरेशन त्राशी) शुरू किया। घेरा सख्त होता देख सोन्नार नाले के पास छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दोनों तरफ से भारी गोलाबारी शुरू हो गई। देर रात तक आतंकियों को घेरे जाने की सूचना है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद घाटी के पुलवामा व शोपियां में दो ऑपरेशन चलाकर छह आतंकियों को ढेर किया गया था। इसके बाद जम्मू संभाग में यह पहली बड़ी मुठभेड़ है। छात्रू का जंगल बेहद घना है। ऐसे में सुरक्षाबलों के सामने बड़ी चुनौती आतंकियों को ट्रैक करने की भी है।
12 अप्रैल को छात्र के नावदगाम में तीन आतंकी मार गिराए थे इसी साल 12 अप्रैल को छात्रू के नायदगाम में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गाए थे। चार भागने में सफल रहे थे। तब से चल रहे तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को सिंहपोरा इलाके के जंगल में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। संभावना है कि घिरे आतंकियों में उस समय भागने में सफल रहे आतंकी शामिल हैं।