पुरुषों को भी हो सकता है Breast Cancer, इन 6 लक्षणों से करें बीमारी की पहचान

Breast Cancer एक खतरनाक बीमारी है। आमतौर पर ब्रेस्‍ट कैंसर को मह‍िलाओं से ही जोड़कर देखा जाता है। हालांक‍ि ये गंभीर बीमारी पुरुषों को भी हो सकती है। अगर सही समय पर इलाज न हो तो मरीज की मौत तक हो जाती है। वैसे तो पुरुषों में ये बीमारी कम देखी जाती है लेक‍िन इसे नजरअंदाज करना सुरक्ष‍ित नहीं है।

आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको अपने इस लेख में पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कितना है और किन वजहों से पुरुषों को ब्रेस्ट का कैंसर हो सकता है, के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। इसके अलावा हम आपको इससे बचाव के तरीके भी बताएंगे। तो आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-

क्‍या होता है
क्‍लीवलैंड क्‍लीन‍िक के मुताब‍िक, पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर काफी कम देखने को म‍िलता हे। कुल ब्रेस्ट कैंसर के लगभग 1 से 2% मामलों में पुरुषों में ये कैंसर पाया जाता है। मह‍िलाओं में ये बीमारी ज्‍यादा देखने को म‍िलती है। आपको बता दें क‍ि पुरुषों में भले ही ब्रेस्ट टिशू महिलाओं जैसे नहीं बढ़ते हैं, लेक‍िन उनके पास भी ब्रेस्ट के डक्ट्स होते हैं। इस कारण उन्‍हें भी ब्रेस्‍ट कैंसर का खतरा रहता है। पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर दो प्रकार के होते हैं। पहला Ductal carcinoma, तो दूसरा Lobular carcinoma।

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का कारण
पुरुषों में ब्रेस्ट के अगल-बगल स्थित सेल्स और टिश्यूज का आकार जब तेजी से बढ़ने लगता है तो ये आगे चलकर ब्रेस्‍ट कैंसर का रूप ले लेता है। आमतौर पर पुरुषों में इसका खतरा उम्र बढ़ने के बाद होता है। पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर के और भी कारण हो सकते हैं। पर‍िवार‍िक इत‍िहास, शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन्स का लेवल बढ़ना या फ‍िर अल्कोहल का ज्‍यादा सेवन करने से भी ये द‍िक्‍कतें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल भी ब्रेस्‍ट कैंसर के खतरे काे बढ़ा देती हैं।

पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट पर गांठें बनना

निप्पल्स में बदलाव आना

निप्पल से खून आना

ब्रेस्ट के आसपास स्किन पर छाले और रैशेज होना

ब्रेस्‍ट या बगल में दर्द होना

एक न‍िप्‍प्‍ल का अंदर धंसा होना

क्‍या है इसका इलाज

पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर जीरो से लेकर चार स्‍टेज तक हो सकता है। बीमारी गंभीर होने पर सर्जरी ही एकमात्र जर‍िया हो सकती है। वहीं कीमोथेरेपी, रेड‍िएशन और हार्माेन थेरेपी से भी इस बीमारी का इलाज क‍िया जाता है।

बचाव के ल‍िए करें ये काम

वजन मेंटेन रखें

न‍ियम‍ित एक्सरसाइज करें

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से बचें

अल्‍कोहल और स्‍मोक से बचें

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