पुरुषों को जरूर करवाने चाहिए ये 5 STI टेस्ट

हर साल 4 सितंबर को वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे (World Sexual Health Day 2025) मनाया जाता है। इस दिन सेक्शुअल हेल्थ के बारे में लोगों को जागरूक बनाया जाता है। सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन एक बेहद गंभीर समस्या है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। इनसे बचने के लिए समय-समय पर टेस्टिंग जरूरी है।

सेक्शुअल हेल्थ पर आज भी हमारे समाज में खुलकर चर्चा नहीं होती है। इसलिए हर साल 4 सितंबर को वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे (World Sexual Health Day 2025) मनाया जाता है। इस दिन सेक्शुअल हेल्थ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है। STI यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन सेक्शुअल हेल्थ से जुड़ी एक गंभीर समस्या है।

ये ऐसे इन्फेक्शन होते हैं, जो असुरक्षित सेक्शुअल कॉन्टेक्ट की वजह से फैलते हैं। पुरुषों में अक्सर इनके लक्षण साफ नहीं दिखाई देते या फिर उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिसके गंभीर नुकसान हो सकते हैं। इसलिए नियमित टेस्टिंग जरूरी है। आइए जानते हैं उन 5 STI टेस्ट (STI Tests for Men) के बारे में जो हर पुरुष को 25 की उम्र के बाद जरूर करवाने चाहिए।

HIV टेस्ट
HIV सबसे गंभीर STI में से एक है। यह वायरस शरीर की इम्युनिटी पर हमला करता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह एड्स का रूप ले सकता है। अच्छी बात यह है कि आज PrEP, PEP और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी की मदद से HIV पॉजिटिव व्यक्ति भी लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी इसका जल्दी पता लगना जरूरी है। HIV टेस्ट एक साधारण ब्लड टेस्ट या ओरल फ्लूइड टेस्ट है। हर वयस्क पुरुष को, खासकर अगर एक से ज्यादा सेक्शुअल पार्टनर हों, तो यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

सिफलिस टेस्ट
सिफलिस एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो शुरुआत में पेन फ्री छाले या घाव के रूप में दिखाई देता है, जो अक्सर ठीक हो जाता है। लेकिन बैक्टीरिया शरीर में एक्टिव रहता है और धीरे-धीरे दिल, दिमाग और अन्य अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। सिफलिस का पता लगाने के लिए एक साधारण ब्लड टेस्ट काफी है।

गोनोरिया और क्लैमाइडिया टेस्ट
गोनोरिया और क्लैमाइडिया दोनों ही सामान्य बैक्टीरियल इन्फेक्शन हैं, जो अक्सर एक साथ होते हैं। कई पुरुषों में इनके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन अगर लक्षण हों तो उनमें पेशाब में जलन, प्राइवेट पार्ट से सफेद या पीला डिस्चार्ज या दर्द शामिल हो सकता है। इलाज न होने पर ये इन्फेक्शन रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इनफर्टिलिटी का कारण बन सकते हैं। इनका टेस्ट यूरिन सैंपल या स्वैब टेस्ट से किया जाता है।

हेपेटाइटिस-बी टेस्ट
हेपेटाइटिस-बी एक वायरल इन्फेक्शन है, जो लिवर पर हमला करता है और सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। यह इन्फेक्शन ब्लड, सीमन और अन्य बॉडी फ्लूएड के संपर्क में आने से फैलता है। कई लोगों को लंबे समय तक पता भी नहीं चलता कि वे इन्फेक्टेड हैं। हेपेटाइटिस-बी का पता एक ब्लड टेस्ट से लगाया जा सकता है।

हर्पीज टेस्ट
हर्पीज दो प्रकार का होता है, HSV-1 (जो मुख्य रूप से मुंह के छाले का कारण बनता है) और HSV-2 (जो जेनिटल ऑर्गन्स में घाव पैदा करता है)। यह एक आम इन्फेक्शन है, जो त्वचा से त्वचा के संपर्क से फैलता है। हालांकि, इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं के जरिए इसके लक्षणों और फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है। अगर आपके जेनेटिल ऑर्गन्स पर छाले, घाव या खुजली महसूस होती है, तो ब्लड टेस्ट या घाव के फ्लूड का सैंपल लेकर इसकी जांच की जा सकती है।

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