हमारी धरती पर गिरा सूरज से भी पुराना उल्कापिंड, वैज्ञानिक भी रह गए दंग
हमारी धरती और सूरज दोनों करीब 454 करोड़ साल पुराने हैं। वैज्ञानिक तौर पर ज्ञात ये उम्र तब की है जब से सूरज और धरती के साथ-साथ हमारा पूरा सौर मंडल बना था। लेकिन अब अपनी धरती पर ही एक ऐसा कण मिला है जिसकी उम्र सूरज और हमारी धरती से करीब 250 करोड़ साल ज्यादा है। ये कण मिला है ऑस्ट्रेलिया के गड्ढे में। यह गड्ढा बना था एक उल्कापिंड के गिरने से। आइए जानते हैं इस कण की उम्र के बारे में जो हमारी धरती और सूर्य से ज्यादा पुराना है।
ये कण मिला है ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित मर्चिसन कस्बे से। यहीं पर 1969 में एक उल्कापिंड टकराया था। उसी उल्कापिंड में कुछ बेहद छोटे कण चिपके थे। इन कणों की उम्र करीब 700 करोड़ साल बताई जा रही है।
यह कण हमारे सौर मंडल से भी पुराना है। इस कण का अध्ययन करने वाले फिलिप हेक ने बताया कि यह प्रीसोलर ग्रेन यानी हमारे सौर मंडल से पहले का कण है। फिलिप हेक शिकागो स्थित फील्ड म्यूजियम के एसोसिएट क्यूरेटर हैं।
फिलिप ने बताया कि इस कण की उम्र का अध्ययन करने में करीब 20 साल लग गए। हमें इस उल्कापिंड से 40 ऐसे कण मिले हैं जो 2 से 30 माइक्रोमीटर आकार के हैं। यानी एक इंच का 0।000039 आकार। इन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ेगी। ये इतने छोटे हैं कि इन पर रिसर्च करने में काफी समय लग गया।
फिलिफ हेक ने बताया कि अंतरिक्ष में ऐसे करोड़ों-अरबों कण घूमते रहते हैं। ये अलग-अलग ग्रहों, उल्कापिंडों, धूमकेतू आदि से चिपक कर पूरे अंतरिक्ष में यात्राएं करते हैं। यह इकलौता उल्कापिंड था जिसमें वैज्ञानिकों को कुछ जैविक कण भी मिले थे। इनका भी अध्ययन कर रहे हैं।
मर्चिसन उल्कापिंड जब 1969 में विक्टोरिया के मर्चिसन कस्बे में टकराया तब उसके टुकड़े 11 किलोमीटर की लंबाई और 3 किलोमीटर चौड़ाई में फैल गए थे। इनके कई टुकड़े अब दुनियाभर के साइंस म्यूजियम में रखे हुए हैं।