पुतिन पर दबाव के लिए भारत पर टैरिफ वार

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि ट्रंप ने रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए भारत पर आक्रामक टैरिफ का इस्तेमाल किया है। रूसी तेल खरीद पर भारत को 25% अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है। ट्रंप पुतिन से मुलाकात के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने की कोशिश कर सकते हैं।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के खिलाफ जंग रोकने के लिए रूस को मजबूर करने के लिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ जैसे आक्रामक आर्थिक दबाव का इस्तेमाल किया है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि इस कदम से रूस के लिए अपनी तेल अर्थव्यवस्था से अमीर बनना मुश्किल हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना करता रहा है। दिलचस्प बात यह है कि वाशिंगटन रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक चीन को नहीं कोस रहा। वहीं, भारत का कहना है कि रूस से ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों से प्रेरित है।
वेंस ने कहा कि ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के बाद उम्मीद है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने में मध्यस्थता कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि पिछले कुछ हफ्तों में ही दोनों पक्षों की ओर से कुछ अहम रियायतें देखने को मिली हैं। जब पूछा गया कि अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध नहीं लगा रहा तो उन्हें आप जेलेंस्की से वार्ता की मेज पर कैसे लाएंगे तो वेंस ने कहा कि ट्रंप ने आक्रामक आर्थिक दबाव का इस्तेमाल किया है।
इसका उदाहरण भारत पर अतिरिक्त टैरिफ है, ताकि रूस के लिए अपनी तेल अर्थव्यवस्था से अमीर बनना मुश्किल हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर रूस हत्याएं करना बंद कर दे तो उसे विश्व अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है। बता दें कि ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है। इसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है।
यूक्रेनी हमलों से रूस के परमाणु ऊर्जा संयंत्र में लगी आग
यूक्रेन की तरफ से शनिवार देर रात किए गए हमलों के कारण उसके पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र स्थित एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई। हालांकि, उसे तुरंत बुझा दिया गया। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता के 34 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।
रूस के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार देर रात किए गए हमलों में कई ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाया गया। अधिकारियों ने सोशल मीडिया मंच पर बताया कि यूक्रेन के ड्रोन हमले में रूस के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से एक के रिएक्टर की क्षमता में भारी गिरावट आई और प्रमुख उस्त-लुगा ईंधन निर्यात टर्मिनल में भीषण आग लग गई।
इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि हमले में एक ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन विकिरण का स्तर सामान्य सीमा के भीतर रहा। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने रूसी क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए यूक्रेन की ओर से भेजे गए 95 ड्रोन विमानों को निष्क्रिय कर दिया।