पुणे टेस्ट में मिली हार के बाद पिच क्यूरेटर्स पर उठे गंभीर सवाल

पहले दो दिन में 24 विकेट और मैच के तीसरे दिन 16 विकेट गिरने से एमसीए पिच तैयार करने वाले तीनों क्यूरेटरों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। एमसीए के क्यूरेटर पांडुरंग सालगांवकर, बीसीसीआइ के मुख्य क्यूरेटर दलजीत सिंह, पश्चिम क्षेत्र के क्यूरेटर धीरज परसाना ने यह पिच तैयार की थी।पुणे टेस्ट में

पांडुरंग ने टेस्ट मैच शुरू होने से दो दिन पहले घोषणा की कि पिच से पर्याप्त उछाल मिलेगी, जिसे विरोधी टीम के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने बकवास करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पिच से पहले दिन से टर्न मिलने लगेगी।

पहले दो दिन के खेल के बाद पांडुरंग का बयान गलत साबित हुआ, जिससे यह कयास लगाए जाने लगे कि क्या एमसीए के क्यूरेटर को पिच तैयार करने की छूट दी गई थी या दलजीत ने यह भारतीय टीम के कहने पर हस्तक्षेप किया था।

वनडे में 350 से अधिक का स्कोर

पुणे में काफी क्रिकेट खेलने वाले एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि पांडुरंग को सपाट पिच तैयार करने के लिए जाना जाता है। अगर आप केदार जाधव के रणजी ट्रॉफी में बड़े स्कोर को देखे तो समझ जाओगे। एक महीने पहले ही भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे मैच में दोनों टीमों ने 350 से अधिक का स्कोर बनाया था। आखिर पिच का मिजाज पूरी तरह से कैसे बदल गया। पिछले कुछ दिन से पिच को पानी नहीं दिया गया था और तेज धूप के कारण उसमें दरार पड़ गई।

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने दलजीत की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- क्या दलजीत को भारतीय टीम प्रबंधन से किसी खास तरह की पिच तैयार करने के निर्देश मिले थे या फिर पांडुरंग को पिच को शुष्क रखने की सलाह दी थी। मुझे नहीं लगता कि भारतीय टीम ने ऐसी पिच चाही होगी, जो उसको नुकसान पहुंचाए। एक और सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि दलजीत 79 साल के हो गए हैं और उन्हें पद पर क्यों रखा गया है जबकि प्रशासकों, चयनकर्ताओं और अन्य कर्मचारियों के लिए उम्र की सीमा तय कर दी गई है।

 

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