पुणे के पर्वतारोही जितेंद्र गवारे ने रचा इतिहास; फतह किया दुनिया का पांचवां सबसे ऊंचा माउंट मकालू

पर्वतारोहियों की संस्था गिरिप्रेमी की ओर से बताया गया है कि जितेन्द्र गवारे ने 10 मई की सुबह 4.50 बजे माउंट मकालू पर सफलतापूर्वक चढाई की। इससे पहले उन्होंने माउंट एवरेंस्ट, माउंट कंचनजंगा, माउंट लोत्से, माउंट धौलागिरी, माउंट मनास्लु, माउंट अन्नपूर्णा-1 को फतह किया और अब माउंट मकालू पर चढ़ाई पूरी की है।
महाराष्ट्र में पुणे के पर्वतारोही जितेंद्र गवारे (42) ने शनिवार को सुबह माउंट मकालू पर्वत शिखर फतह किया। मकालू शिखर 8,485 मीटर ऊंचा दुनिया का पांचवां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। इतनी ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई करने वाले जितेन्द्र गवारे महाराष्ट्र के पहले पर्वतारोही बन गए हैं। इसके साथ ही, गवारे उन चुनिंदा भारतीय पर्वतारोहियों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने नेपाल हिमालय की सभी आठ हजार मीटर ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की है।
पर्वतारोहियों की संस्था गिरिप्रेमी की ओर से बताया गया है कि जितेन्द्र गवारे ने 10 मई की सुबह 4.50 बजे माउंट मकालू पर सफलतापूर्वक चढाई की। इससे पहले उन्होंने माउंट एवरेंस्ट, माउंट कंचनजंगा, माउंट लोत्से, माउंट धौलागिरी, माउंट मनास्लु, माउंट अन्नपूर्णा-1 को फतह किया और अब माउंट मकालू पर चढ़ाई पूरी की है। इस सफलता के पीछे जितेन्द्र की दृढ़ता, कौशल और पहाड़ों पर चढ़ने का दृढ़ संकल्प है।
उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा शिव छत्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। जितेन्द्र की यह सफल यात्रा, ग्रेट गजेनहाइम और तेनजिंग नोर्गे के राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार विजेता उमेश झिरपे के बहुमूल्य मार्गदर्शन के कारण संभव हो पाई है। उमेश झिरपे ने कहा कि जितेन्द्र का समर्पण, विनम्रता और अनुशासन की भावना हमेशा उल्लेखनीय रही है।
माउंट मकालू की सफलता न केवल जितेंद्र के सहास की जीत है, बल्कि महाराष्ट्र में पर्वतारोहण के इतिहास में एक स्वर्णिम क्षण है। मुझे इस यात्रा में उनका मार्गदर्शक बनने पर गर्व है। झिरपे ने बताया कि जितेंद्र गवारे के मकालू पर्वत शिखर पर चढाई के लिए डॉ. डी. वाई. पाटिल विद्यापीठ (डीपीयू) ने सहयोग किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. डी. पाटिल ने विशेष सहयोग एवं प्रोत्साहन प्रदान किया, जिससे उनका यह सपना साकार हो सका।