पीरियड्स से जुड़े ऐसे फैक्ट्स, जानकर उड़ जाएंगे होश, खुद महिला को भी नहीं होगा पता!

भगवान ने इंसानों को काफी सोच-समझ कर बनाया है. नेचर में बैलेंस के लिए एक पुरुष और एक महिला को बनाया. दोनों के मिलन से संसार आगे बढ़ता है. जहां पुरुषों की शारीरिक बनावट से लेकर उनके हॉर्मोन अलग बनाए गए हैं वहीं एक महिला के अंदर भी अलग फीचर्स होते हैं. चूंकि एक महिला आगे चलकर बच्चे को जन्म देती है, ऐसे में उसके बॉडी के अंदर एक गर्भाशय बनाया गया ताकि उसमें बच्चे का विकास हो. इसके लिए जरुरी प्रक्रिया ना होने पर महिला की बॉडी से निकलने वाला अंडा टूट जाता है और फिर पीरियड्स के रूप में बाहर आ जाता है.

महिला की लाइफ में पीरियड्स यानी मासिक धर्म काफी जरुरी होता है. बॉडी के कई फंक्शन इसके जरिये कंट्रोल होते हैं. अगर पीरियड्स में अनियमितता देखने को मिलती है तो ये महिला के लिए खतरे की घंटी होती है. कई तरह के हेल्थ इश्यूज झेलने पड़ते हैं. जहां ये एक बेहद जरुरी प्रक्रिया है,वहीं भारत में इस दौरान महिला को अशुद्ध बताकर उसके साथ भेदभाव किया जाता है. पीरियड्स से जुड़े ऐसे कई फैक्ट्स हैं, जिसके बारे में जानने के बाद महिलाओं के लिए सम्मान कई गुना बढ़ जाएगा.

जीवन में आते हैं इतने पीरियड्स
बात अगर महिला की बॉडी की करें तो एक लड़की जब युवावस्था में कदम रखती है, तब उसके मासिक धर्म की शुरुआत हो जाती है. आम तौर पर तेरह साल की बच्चियों को पीरियड्स आ जाते हैं. इसके बाद करीब पचास साल तक की महिला हर महीने पीरियड्स से गुजरती है. हालांकि, अब लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से इसके शुरू और खत्म होने की उम्र में भारी डिफरेंस देखने को मिल रहा है. लेकिन बताए गए उम्र के हिसाब से एक महिला अपने जीवनकाल में कुल 444 पीरियड्स झेलती है.

इतने साल खून से लड़ती है महिला
एक महिला का पीरियड्स औसत पांच से सात दिन का होता है. हर महिला में परियडस का फ्लो अलग होता है. कई महिलाएं हैवी फ्लो का शिकार होती हैं. ऐसी महिलाओं में खून की कमी भी देखने को मिलती है. कुछ के पीरियड्स झट से खत्म हो जाते हैं. ये भी एक चिंता का विषय है. लेकिन अगर औसत को पकड़ कर चलें तो एक महिला अपनी पूरी जिंदगी के सात साल खून से जंग लड़ती है. इस दौरान उसकी बॉडी कई तरह के बदलाव से गुजरती है. इसके बाद भी कई जगहों पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अछूत की तरह ट्रीट किया जाता है. उन्हें अच्छे से खान-पान करवाने की जगह उन्हें नर्क भोगने को मजबूर किया जाता है.

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