पीयूष मिश्रा के ‘उड़नखटोला’ ने संगीतमय प्रस्तुति से जीता दिल, श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज करने वाले और अपनी गायकी से लोगों को प्रभावित करने वाले कलाकार पीयूष मिश्रा का ‘उड़नखटोला’ टूर भारत के विभिन्न शहरों और दुबई में धूम मचाने के बाद शनिवार को गुरुग्राम पहुंचा। बल्लीमारान बैंड के साथ अपने अनोखे संगीत और कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत संध्या में अपनी प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।

सेक्टर-29 में शनिवार शाम पीयूष मिश्रा और उनके बैंड बल्लीमारान ने शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह दूसरी बार गुरुग्राम आए हैं। इसके बाद अपने बैंड के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में लंबे समय तक रहा हूं। उर्दू शायरी के मास्टर मिर्जा गालिब को उनका बैंड संगीतमय श्रद्धांजलि देता है। इस बैंड का नाम, दिल्ली की उस गली से प्रेरित है, जहां कभी मिर्जा गालिब रहते थे।

इससे पहले तम्बू एंटरटेनमेंट के संस्थापक और सीईओ राहुल गांधी ने इस उड़नखटोला टूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मंच का संचालन करते हुए उन्होंने कहा कि पीयूष मिश्रा ने एक पारंपरिक संगीत कार्यक्रम से कहीं आगे ले जाकर एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। पीयूष भाई के गाने, जो उन्होंने 90 के दशक में अपने थिएटर के दिनों में लिखे थे, वो बिल्कुल टाइमलेस हैं। इसका इससे बड़ा कोई सबूत नहीं हो सकता… जब हमने ये गाने सुने और इतने वर्षों तक इस बैंड को इस मुकाम तक पहुंचाने में लगे रहे, तो यही अहसास हुआ कि ये गाने सच में अमर हैं। गांधी आगे कहते हैं, “इसी सोच के साथ इस पूरे टूर को प्लान किया गया।जब उन्होंने मंच से आरंभ है प्रचंड… गीत प्रस्तुत किया तो वहां मौजूद लोग झूमने लगे। इस कार्यक्रम में अमर उजाला मीडिया पार्टनर रहा।

पीयूष मिश्रा ने पहले उड़नखटोला टूर के बारे में लोगों को जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए। थोड़ा नजारा, चटपट बाते.., बूंदे लेहर बोलो कि…ओ री दुनिया..जैसे गीत गूंजे और श्रोताओं को और भी अधिक की चाहत छोड़ गए।

पीयूष मिश्रा ने कहा कि उड़नखटोला अपने बैंड के साथ अब आगरा, लखनऊ, कानपुर, चंडीगढ़ और देहरादून की ओर बढ़ रहा है, जहां प्रशंसकों को बेसब्री से इस जादुई अनुभव का इंतजार रहेगा। बता दें कि नवंबर 2024 में शुरू हुए इस उड़नखटोला टूर ने अब तक कोलकाता, अहमदाबाद, वडोदरा, इंदौर, भोपाल, पुणे, ठाणे, रायपुर, हैदराबाद, बंगलूरू, नागपुर और दुबई में धमाकेदार प्रस्तुतियां दी हैं, जहां हर शो में हजारों की भीड़ उमड़ी और जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलीं। यह टूर केवल एक संगीत कार्यक्रम नहीं बल्कि एक संपूर्ण अनुभव बन चुका है, जहां पीयूष मिश्रा की गहरी और भावनात्मक कविताएं, उनके प्रभावशाली मंच प्रदर्शन और उनकी अनोखी कहानी कहने की कला, दर्शकों को उनकी दुनिया में खींच ले जाती है।

62 वर्ष की उम्र में भी पीयूष मिश्रा यह साबित कर रहे हैं कि संगीत की कोई उम्र नहीं होती। उनके गीत आज भी हर पीढ़ी के दिल को छू जाते हैं। बल्लीमारान के साथ, उन्होंने एक ऐसा अनूठा संगीत तैयार किया है, जो बीते दौर की गूंज और आज की ताजगी को एक साथ जोड़ता है।

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