पीओके में पाकिस्तान के विरुद्ध सड़कों पर जेन-जी, प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर फायरिंग से बढ़ा बवाल

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में शिक्षा सुधार की मांग पर शुरू हुआ छात्रों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन पुलिस फायरिंग के बाद हिंसक हो गया। जेन-जी के नेतृत्व में आंदोलन ने शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ बड़ा रूप ले लिया है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एक बार फिर शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भड़क उठा है। नेपाल की तरह ही अब पीओके में भी आंदोलन की कमान जेन-जी ने संभाल ली है। हालांकि, शुरू में छात्रों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन शिक्षा सुधार और फीस कटौती पर केंद्रित था लेकिन उनकी मांगों को सुनने के बजाय सेना-पुलिस की मदद से उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई तो हालात बेकाबू हो गए।
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें मुजफ्फराबाद के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी सड़कों पर उतरे छात्रों को नारेबाजी, तोड़फोड़ करते और टायर आदि जलाते देखा जा सकता है। शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन में बदले विरोध-प्रदर्शन को पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में युवा पीढ़ी के बीच गहराते असंतोष के तौर पर देखा जा रहा है। कई सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी कहा जा रहा है कि नेपाल के बाद अब पीओके में जेन-जी के आंदोलन ने पाकिस्तान की सरकार और सेना के लिए हालात मुश्किल बना दिए हैं।
गोलीबारी के बाद आंदोलन ने पकड़ा जोर
प्रदर्शन मुजफ्फराबाद की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी में भारी-भरकम फीस और सुविधाओं के अभाव पर विरोध जताने के लिए शुरू हुआ था। प्रदर्शन शांतिपूर्ण जारी था लेकिन प्रशासन ने यूनिवर्सिटी में सभी राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी। स्थिति तब बिगड़ गई जब एक अज्ञात बंदूकधारी ने छात्रों के एक समूह पर गोली चलाई।
पिछली बार प्रदर्शन के दौरान हिंसा में गई थीं कई जानें
एक महीने पहले भी पीओके में इसी तरह अशांति हुई थी। कर राहत, आटे और बिजली पर सब्सिडी और विकास परियोजनाओं को पूरा करने सहित 30 मांगों को लेकर शुरू हुए इस आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 12 से ज्यादा नागरिक मारे गए थे।





