पीएम मोदी, ट्रंप और चिनफिंग… ये स्टॉक होते तो किसकी वैल्यू होती सबसे ज्यादा?

अगर पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप और शी चिनफिंग शेयर बाजार में लिस्टेड होते तो कौन सबसे ज्यादा वैल्युएबल स्टॉक बनता? कौन हाई-रिस्क होता और कौन भरोसेमंद? तो इसे लेकर अमेरिका की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के मशहूर फाइनेंस प्रोफेसर अस्वथ दामोदरन ने दिलचस्प कैलकुलेशन किया जो चर्चा का विषय बना हुआ। उन्होंने पीएम मोदी को लेकर जो कैलकुलेशन किया वो बड़ा ही दिलचस्प है।
पीएम मोदी, ट्रंप और चिनफिंग… ये स्टॉक होते तो किसकी वैल्यू होती सबसे ज्यादा?
नई दिल्ली| दुनिया के चार नेता इस वक्त चर्चा में हैं- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। दिलचस्प बात यह है कि जब भी दुनिया के ताकतवर नेताओं की बात होती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे पहले आता है।
इसे लेकर हाल ही में एक बहस छिड़ी की अगर ये नेता शेयर बाजार में लिस्टेड होते तो कौन सबसे ज्यादा वैल्युएबल स्टॉक बनता? कौन हाई-रिस्क होता और कौन भरोसेमंद? तो इसे लेकर अमेरिका की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के मशहूर फाइनेंस प्रोफेसर अस्वथ दामोदरन ने दिलचस्प कैलकुलेशन किया, जो चर्चा का विषय बना हुआ।
ट्रंप मस्क के टेस्ला स्टॉक जैसे
दामोदरन को दुनियाभर में “डीन ऑफ वैल्युएशन” कहा जाता है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी, चिनफिंग और पुतिन की तुलना शेयरों से की। उन्होंनें ट्रंप (Trump Stock Valuation) की तुलना एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के शेयर से की। उन्होंने कहा कि वो टेस्ला जैसे हैं- बिल्कुल अस्थिर। ट्रंप एक हाई रिस्क स्टॉक हैं। हमेंशा खबरों में रहने वाले। जैसे एलन मस्क बार-बार नैरेटिव बदलते हैं, वैसे ही ट्रंप भी कहानी बदलते रहते हैं। फिर भी, उनके पास इतना करिश्मा है कि लोग उनकी बात मान ही लेते हैं।
चिनफिंग ब्लू चिप स्टॉक की तरह
दामोदर ने चिनफिंग की तुलना (Xi Jinping Stock Valuation) स्थिर, लेकिन मजबूत ब्लू चिप शेयर से की। उन्होंने चिनफिंग को एक मिशन वाला स्टॉक बताया। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति की राह में कोई भी रुकावट ज्यादा देर टिक नहीं सकती। वह अपने टारगेट को लेकर बहुत सख्त हैं और उसे पूरा करके ही मानते हैं। उन्होंने चिनफिंग की तुलना Amazon से करते हुए कहा कि वह एवेंजर्स थानोस जैसे हैं- एक चुटकी बजाते ही सब खत्म।
पुतिन को बताया सर्वाइवर स्टॉक
प्रोफेसर ने रूस के राष्ट्रपति का भी दिलचस्प विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि पुतिन (Putin Stock Valuation) अपनी सेना के कारण दुनिया में शक्ति का केंद्र बने हुए हैं। पुतिन एक सर्वाइवर हैं, जो चीनियों की तरह विनम्रता के पीछे नहीं छिपते। पुतिन को कई मायनों में उन्हें समझना आसान है। पुतिन का नाम लेकर दामोदरन ने कहा कि वह अपनी बात पॉइंट-टू-पॉइंट कह देते हैं। जबकि चीन के नेता अपनी बात को घुमा-फिराकर कहते हैं। इस तरह पुतिन को समझना काफी आसान है।
पीएम मोदी को बताया ‘ग्रोथ स्टॉक’
इंटरव्यू के दौरान दामोदरन का सबसे ज्यादा फोकस पीएम नरेंद्र मोदी पर रहा। उन्होंने पीएम मोदी (Modi Stock Valuation) को “ग्रोथ स्टॉक” बताया। दामोदरन ने कहा, मोदी भारत की कहानी को दुनिया के सामने अच्छे से बेच रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी की तुलना वॉल स्ट्रीट की चर्चित कंपनी Palantir से की। उनका कहना है कि मोदी का स्टॉक दमदार है, लेकिन अभी यह शुरुआत है। आगे बहुत कुछ होना बाकी है।
इक्विटी वैल्यूएशन और कॉर्पोरेट फाइनेंस पर कई किताबें लिख चुके दामोदरन की ये तुलना भले ही मजेदार लगे, लेकिन इसमें एक गहरा मैसेज भी छिपा है। जैसे स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी की इमेज, भरोसा और पब्लिक परसेप्शन उसकी वैल्यू तय करता है, वैसे ही नेताओं की वैल्यू भी लोगों की नजर में इसी तरह बनती है।
कुल मिलाकर, दामोदरन का यह कैलकुलेशन लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है कि नेता सिर्फ राजनेता नहीं, बल्कि ब्रांड और स्टॉक जैसे भी हैं।