पीएम मोदी के इस बयान पर जमकर बजी तालियां, देश सीना हुआ चौड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने दुनिया को हर बार आश्चर्यचकित किया है, फिर चाहे मंगलयान की बात हो या फिर अन्य तकनीक के क्षेत्र की बात. साथ ही उन्होंने यहां यह भी कह दिया कि अभी-अभी एक ‘पायलट प्रोजेक्ट’ पूरा हो गया. अभी रियल करना है.

पीएम नरेंद्र मोदी का यह बयान पाकिस्तान के बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के पायलट को रिहा करने के ऐलान के बीच आया है. इस कार्यक्रम के आरंभ में पीएम मोदी ने कहा, ‘आप तो लेबोरेटरी में जिंदगी गुजारने वाले लोग हैं, आपके अदंर पायलट प्रोजेक्ट करने की परंपरा होती है, उसके बाद आगे बढ़ते हैं. अभी-अभी एक पायलट प्रोजेक्ट हो गया है. अभी रियल करना है, पहले तो प्रैक्टिस थी.’

पीएम मोदी के इस बयान पर जमकर तालियां बजाई गईं. पीएम मोदी ने इस बीच कहा कि रियल ये है कि आज के विजेताओं के लिए खड़े होकर तालियां बजाइए और इनका स्वागत कीजिए.

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बता दें कि पीएम मोदी ने यहां जो पुरस्कार वितरित किए, वह भारतीय विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के संस्‍थापक निदेशक डॉ. शांति स्‍वरूप भटनागर के नाम से दिया जाता है. विज्ञान भवन में पुरस्कार वितरण के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने हमेशा मानवता की भलाई के लिए अपना योगदान दिया है. विज्ञान से जुड़े हमारे संस्थानों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने आपको गढ़ना होगा.

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें अपनी मौलिक शक्ति को बनाए रखते हुए भविष्य के समाज और इकोनॉमी के हिसाब से ढालना होगा. अब हमारे फार्मा सेक्टर और बायोटेक सेक्टर को ज्यादा गति देने का समय आ गया है. आज भारत में बनी दवाएं दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में निर्यात की जा रही हैं.’

उन्होंने यह भी कहा कि जब इच्छा शक्ति हो तो सीमित संसाधनों में भी कैसे अद्भुत परिणाम दिए जा सकते हैं, इसका उदाहरण हमारा स्पेस प्रोग्राम है. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बायो फ्यूल के मामले में भी CSIR बड़ी भूमिका निभा रहा है. CSIR ने जो एविएशन बायो फ्यूल बनाया है, उसका ट्रायल भी 27 अगस्त 2018 को हो चुका है. इससे संचालित होने वाले हवाई जहाज को देहरादून से दिल्ली तक उड़ाया जा चुका है.

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