पितृ पक्ष में जरुर करें ये काम, बनी रहेगी पितरों की कृपा

पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलते हैं। यह अवदि पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है। इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर तक चलने वाले हैं। ऐसे में आप इस अवधि में कुछ विशेष कार्यों द्वारा पितरों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। यह 15 दिनों की पितृ पक्ष की अवधि अपने पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रद्धांजलि देते के लिए अति उत्तम मानी गई है। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि यदि पितरों का आशीर्वाद किसी व्यक्ति पर बना हुआ है, तो उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
वहीं अगर पितृ आपसे नाराज हो जाएं, तो इससे आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यदि आप पितृपक्ष में ये कार्य करते हैं, तो इससे पितरों का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है।
जरूर करें ये काम
पितृपक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। ऐसे में आपको भी यह कार्य जरूर करने चाहिए। इसके साथ ही पितृ पक्ष में आपको रोजाना सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही आपको पितृपक्ष में गीता के सातवें अध्याय का पाठ भी जरूर करना चाहिए, जो पितृ दोष से राहत पाने के लिए उत्तम माना गया है।
करें इन चीजों का दान
पितृपक्ष के दौरान जरूरतमंद लोगों के बीच दान करने का विशेष महत्व माना गया है। पितृपक्ष के दौरान इन 10 वस्तुओं का दान जरूर करना चाहिए जिसमें गाय, भूमि, वस्त्र, काला तिल, सोना, घी, गुड़, धान, चांदी, नमक शामिल है।
भूलकर भी न करें यह काम
यदि आप इन सभी कार्यों का लाभ देखना चाहते हैं, तो इसके लिए पितृपक्ष के कुछ नियमों का ध्यान भी जरूर रखें। इस अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी मुंडन आदि नहीं किया जाता है। साथ ही मांसाहारी भोजन और शराब आदि के सेवन से भी दूरी बनानी चाहिए।
इस दौरान नए कपड़े, गहने खरीदने की भी मनाही होती है और न ही व्यक्ति को इस समय में नया वाहन, मकान या जमीन आदि भी खरीदनी चाहिए। यदि इन नियमों की अनदेखी की जाए, तो इससे आपको नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं।