पासपोर्ट रैंकिंग में एक बार फिर पाकिस्तान कमजोर, भारत की स्थिति में सुधार

भारत की स्थिति मध्यम श्रेणी में बनी हुई है, जिसमें मामूली सुधार दर्ज किया गया है लेकिन अभी भी कई विकसित देशों में प्री-वीजा की अनिवार्यता चुनौती बनी हुई है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के आंकड़े दिखाते हैं कि पाकिस्तान उन देशों में है जिनकी विश्व-स्तरीय यात्रा स्वतंत्रता क्षमता अत्यधिक सीमित है।

दुनिया-भर में पासपोर्ट की शक्ति को मापने वाली हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की नवीनतम रिपोर्ट में पाकिस्तान का पासपोर्ट एक बार फिर सबसे कमजोर पासपोर्टों में गिना गया है। पाक के नागरिक केवल कुछ सीमित देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं, जबकि दूसरी ओर सिंगापुर, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई देश सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट रैंकिंग में टॉप-टेन में शामिल रहे।

भारत की स्थिति मध्यम श्रेणी में बनी हुई है, जिसमें मामूली सुधार दर्ज किया गया है लेकिन अभी भी कई विकसित देशों में प्री-वीजा की अनिवार्यता चुनौती बनी हुई है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के आंकड़े दिखाते हैं कि पाकिस्तान उन देशों में है जिनकी विश्व-स्तरीय यात्रा स्वतंत्रता क्षमता अत्यधिक सीमित है।

ये देश हैं सबसे शक्तिशाली

पासपोर्ट इंडेक्स में जिन पासपोर्टों को सबसे अधिक शक्तिशाली माना गया है, उनके नागरिक 185+ देशों तक वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। इन देशों में सिंगापुर जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली स्पेन, फिनलैंड, स्वीडन, डेनमार्क नीदरलैंड, लक्जमबर्ग और ऑस्ट्रिया शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एशियाई देशों की आर्थिक उन्नति, रणनीतिक साझेदारियां और सुरक्षा सहयोग इनके पासपोर्ट की ताकत को लगातार बढ़ा रहे हैं।

सिर्फ 30-35 देशों में ही वीजा मुक्त यात्रा

पाकिस्तान पासपोर्ट धारक लगभग 30–35 देशों तक ही वीजा-फ्री या वीजा-ऑन- अराइवल सुविधा का लाभ ले सकते हैं। रक्षा विशेषज्ञों और विदेश नीति विश्लेषकों के अनुसार पाकिस्तान की रैंकिंग के लगातार गिरने के पीछे मुख्य कारण हैं राजनीतिक अस्थिरता, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां, आतंकवाद से जुड़े जोखिम और वैश्विक कूटनीति में भरोसे की कमी। इस सूची में अफगानिस्तान सबसे आखिरी पायदान पर, सीरिया दूसरे सबसे कमजोर स्थान पर, इराक तीसरे और पाकिस्तान चौथे सबसे कमजोर पासपोर्ट की श्रेणी में दर्ज है।

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