पार्टनर गुस्सैल हो, तो आए दिन रहता है क्लेश! 3 तरीकों से करें हैंडल

रिश्तों में तकरार होना आम बात है लेकिन अगर आपका पार्टनर गुस्सैल नेचर का है तो आए दिन का क्लेश रिश्ते में दरार ला सकता है। ऐसे में सब्र और समझदारी से काम लेना बेहद जरूरी है। यहां हम आपके लिए ऐसे 3 तरीके लेकर आए हैं जो आपके गुस्सैल पार्टनर को संभालने और उनके स्वभाव में बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं।

रिश्तों की राह कभी आसान नहीं होती… उसमें प्यार होता है, तकरार होती है और कभी-कभी तो क्लेश भी! लेकिन सोचिए, अगर आपका पार्टनर गुस्सैल नेचर का हो, तो क्या हर दिन की लड़ाई-झगड़े से रिश्ता टूट नहीं जाएगा?

अगर आप भी इस उलझन से गुजर रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। आज हम आपको ऐसे 3 कमाल के तरीके बताएंगे, जिनसे आप न सिर्फ अपने गुस्सैल पार्टनर को संभाल पाएंगे, बल्कि उनके स्वभाव में ऐसा बदलाव लाएंगे कि आपका रिश्ता फिर से खुशियों से भर उठेगा। आइए जानें।

उनकी जगह खुद को रखकर देखें
जब आपके पार्टनर का पारा चढ़े, तो सबसे पहला काम है शांत रहना। उस वक्त पलटकर जवाब देना या बहस करना, आग में घी डालने जैसा है। याद रखिए, गुस्सा अक्सर किसी गहरे डर, बेचैनी या निराशा का ही नतीजा होता है।

ऐसे में, आप उनकी बात सुनें। उन्हें अपनी भड़ास निकालने दें। उन्हें यह महसूस करवाएं कि आप उन्हें ध्यान से सुन रहे हैं। उनकी परेशानी को समझने की कोशिश करें। उनसे पूछें कि उन्हें किस बात से इतनी दिक्कत हो रही है। हो सकता है उनका गुस्सा किसी और वजह से हो, जिसका आपसे सीधा लेना-देना न हो। अगर वे बहुत ज्यादा गुस्से में हैं, तो थोड़ी देर के लिए उस जगह से हट जाएं। जब दोनों शांत हो जाएं, तब आराम से बात करें।

अपनी फीलिंग्स को बताएं
जब माहौल शांत हो जाए, तो अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। अपनी भावनाओं को बताते समय “मैं” वाले वाक्यों का इस्तेमाल करें, न कि “तुम” वाले वाक्यों का।

उदाहरण के लिए, यह कहने के बजाय कि “तुम हमेशा मुझ पर चिल्लाते हो!”, आप कह सकते हैं, “मुझे बुरा लगता है जब तुम ऊंची आवाज में बात करते हो।” उन्हें बताएं कि उनके गुस्से का आप पर क्या असर पड़ता है। जैसे, “जब तुम गुस्सा करते हो, तो मुझे दुख होता है और मुझे तुमसे बात करने में डर लगने लगता है।”

बाउंड्रीज सेट करना है जरूरी
यह बहुत जरूरी है कि आप अपने रिश्ते में कुछ बाउंड्रीज सेट करें। अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को कभी भी ठेस न पहुंचने दें। अपने पार्टनर को बताएं कि कौन-सा बरताव आपके लिए ठीक नहीं है (जैसे गाली देना, हाथ उठाना, सबके सामने बेइज्जत करना)।

उन्हें बताएं कि अगर वे उन हदों को पार करते हैं, तो क्या होगा। यह कोई धमकी नहीं होनी चाहिए, बल्कि एक साफ समझ होनी चाहिए कि आप किस हद तक चीजों को बर्दाश्त करेंगे। याद रखें, आपकी मेंटल और इमोशनल हेल्थ सबसे ऊपर है। अगर हालात बहुत ज्यादा बिगड़ जाएं और आप खुद को अनसेफ महसूस करें, तो किसी काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद लेने में जरा भी न हिचकिचाएं।

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