पाक ने मानी भारत की मांग, कुलभूषण जाधव मामले में…
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के लिए भारत को दूसरे कॉन्सुलर एक्सेस की मांग को मान लिया है. पाक की जेल में बंद जाधव के मामले में भारत ने पाकिस्तान से बिना रोकटोक कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की थी. अब पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के 2 अधिकारियों को जाधव के पास पहुंचने की अनुमति होगी. दोनों अधिकारी आज गुरुवार शाम जाधव से मिलने भी गए.
अनुमति मिलने के बाद दोनों भारतीय अफसरों की जाधव से मुलाकात हो रही है, हालांकि किस जगह हो रही जगह की जानकारी नहीं है. जाधव जिस जगह है उस सब जेल घोषित किया गया है. उन्हें अलग कार से पहुंचाया गया. उनकी गाड़ियां पाक विदेश मंत्रालय के ऑफिस में पार्क की गई हैं.
दूसरे कॉन्सुलर एक्सेस की अनुमति मिलने के बाद जाधव से मुलाकात करने के लिए दो भारतीय अधिकारी गए जिसमें चार्ज डी फेयर गौरव अहलूवालिया और पहले सचिव चेरुंग जेलियांग शामिल हैं.
सितंबर 2017 में मां-पत्नी की हुई थी मुलाकात
पाकिस्तान ने आज गुरुवार को भारत की मांग पर कमांडर कुलभूषण जाधव को दूसरे कॉन्सुलर एक्सेस की अनुमति दे दी. विएना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस (वीसीआरसी) 1963 के तहत पाकिस्तान द्वारा पहला कॉन्सुलर एक्सेस 2 सितंबर 2017 को प्रदान किया गया था. तब कमांडर जाधव की मां और पत्नी को भी 25 दिसंबर 2017 को उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी.
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में रिव्यू पीटिशन दायर करने से पहले भारत ने पाकिस्तान से यह मांग की थी. हालांकि पाक ने जाधव से अकेले मिलने की मांग को ठुकरा दिया है, लेकिन 2 अफसरों को जाधव तक पहुंचने की अनुमति दे दी है.
कॉन्सुलर एक्सेस का समय तय
शाम 4.30 बजे (पाक समय 4 बजे) कॉन्सुलर एक्सेस का समय दिया गया है. जाधव जिस जगह कैद है उसे सब जेल घोषित किया गया है. अब 60 दिनों के अंदर जाधव की ओर से रिव्यू पिटीशन दाखिल किया जा सकेगा. स्थानीय नियम के अनुसार, 60 दिनों के अंदर रिव्यू दाखिल करने की अनुमति है.
पाक विदेश ऑफिस की प्रवक्ता आइशा फारुकी ने कहा कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस मामले पर पाकिस्तान मीडिया को जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जाधव मामले पर भारत पाकिस्तान का सहयोग करेगा.
भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने पाकिस्तान विदेश कार्यालय (MOFA) में दक्षिण एशिया के महानिदेशक से कुलभूषण जाधव के लिए दूसरे कॉन्सुलर एक्सेस की अनुमति देने को संबंध में मुलाकात की. हालांकि भारत की कई मांगों को पाकिस्तान की ओर से नहीं माना गया, जिसमें जाधव के साथ अकेले में मुलाकात भी शामिल था. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के अनुसार कॉन्सुलर एक्सेस और स्वतंत्र-निष्पक्ष ट्रायल होना चाहिए.
पाक का दावा- जाधव का रिव्यू पिटीशन से इनकार
भारत ने जाधव के लिए कॉन्सुलर एक्सेस की मांग करने के साथ ही पाकिस्तान से कहा कि आप कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान बातचीत की भाषा को सिर्फ इंग्लिश नहीं कर सकते. भारत चाहता है कि पाक 2 अधिकारियों को जाधव से मिलने की अनुमति दे. भारत ने जाधव तक बेरोक-टोक पहुंच होने की मांग रखी थी ताकि उनके पास मौजूद विकल्पों पर चर्चा की जा सके.
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि कुलभूषण जाधव की जान बचाने को लेकर हम अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे.
बीते दिनों पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया था कि कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दिया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव पर पाकिस्तान का दावा दूरगामी है. भारत जाधव को बचाने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाक पर आरोप लगाते हए कहा था कि पाक का नया दावा पिछले चार सालों से चल रहे फरेब का एक सिलसिला है. कुलभूषण जाधव को मजाकिया ट्रायल के जरिए फांसी की सजा सुनाई गई. वह पाक सेना के कब्जे में हैं. रिव्यू फाइल करने से इनकार करने के लिए जाधव को स्पष्ट रूप से मजबूर किया गया है.