पाकिस्तानियों ने नवाज शरीफ की ‘पाक आर्मी’ को बताया ‘आतंकी सेना’

जी हाँ!! अब तो हद पार हो गयी है क्योंकि अब पाकिस्तानियों ने खोल दी है नवाज शरीफ की पोल और बताया कि ‘पाक आर्मी’ और ‘आतंकी सेना’ दोनों एक जैसे ही हैं| आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान हर मोर्चे पर मुंह की खा रहा है। लेकिन, बेशर्म पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां तक कि उसके नागरिकों ने भी उसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। फिर भी वो ना तो मानने को तैयार है और ना ही कुछ समझने को।
पाकिस्तानियों ने एक बार फिर पाक आर्मी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर उसे ना सिर्फ आतंकवाद का प्रयोजक बताया बल्कि उसका नया नामकरण भी कर डाला। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये पाक आर्मी नहीं बल्कि आतंकी सेना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तानी फौज के खिलाफ ये प्रदर्शन जर्मनी के ब्रेमन में हुआ। प्रदर्शनकारियों ने यहां मार्च निकालकर जमकर नारेबाजी की।
दरसअल, पाक आर्मी के खिलाफ ये प्रदर्शन उन बलूचिस्तान के लोगों का था। जो अपनी जान बचाकर यहां रह रहे हैं। इन लोगों का आरोप है कि पाक आर्मी बलूचिस्तान में दमनकारी नीति अपना रही है। लोगों पर जुल्म ढहा रहा है। जो लोग यहां पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर का विरोध करते हैं, पाक आर्मी के जवान उन युवाओं को उठाकर ले जाते हैं उनका कत्ल कर देते हैं। या गायब कर देते हैं। बलूचिस्तान के हजारों युवक लापता हैं। बलूच नेता लगातार पाक आर्मी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। ये लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाक फौज के दम पर मानवाधिकारों को कुचलने का मसला लगातार उठाते रहे हैं। इसी कड़ी में जर्मनी के ब्रेमन का भी प्रदर्शन था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन का मसला उठा चुके हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि वो बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई में यहां के लोगों के साथ हैं। अभी ग्वादर पोर्ट के उद्घाटन को लेकर भी बलूच नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया था। उनका कहना था चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरीडोर यानी CPEC उन लोगों के लिए जिदंगी और मौत का सवाल है। ये लोग आखिरी दम तक इसका विरोध करते रहेंगे। लेकिन, तमाम विरोध के बाद भी रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ग्वादर पोर्ट का उद्घाटन कर इसे खोल दिया। पोर्ट के खुलने के साथ ही चीन के जहाजों की वेस्ट एशिया और अफ्रीका तक आवाजाही भी शुरू हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन का मसला उठा चुके हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि वो बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई में यहां के लोगों के साथ हैं। अभी ग्वादर पोर्ट के उद्घाटन को लेकर भी बलूच नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया था। उनका कहना था चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरीडोर यानी CPEC उन लोगों के लिए जिदंगी और मौत का सवाल है। ये लोग आखिरी दम तक इसका विरोध करते रहेंगे। लेकिन, तमाम विरोध के बाद भी रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ग्वादर पोर्ट का उद्घाटन कर इसे खोल दिया। पोर्ट के खुलने के साथ ही चीन के जहाजों की वेस्ट एशिया और अफ्रीका तक आवाजाही भी शुरू हो गई।
#WATCH: Baloch citizens staged protest in Bremen (Germany) to expose Pak’s state-sponsored terrorism & calls Pak army as terrorist army pic.twitter.com/NVikJBJLwU
— ANI (@ANI_news) 14 November 2016