पाकिस्तान के खिलाफ रोहित को खलेगी इस खिलाड़ी की कमी, पिछले मैच में..

भारत को यदि अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के सुपर चार में पिछले मैच की तरह जीत दर्ज करनी है तो उसके शीर्ष क्रम को अच्छा प्रदर्शन करना होगा और तेज गेंदबाजों को भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी. भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का पावरप्ले में प्रदर्शन अगर समस्या है तो अनुभवहीन आवेश खान की डेथ ओवरों की गेंदबाजी भी टीम प्रबंधन के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में भारत को गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव करने की जरूरत नजर आती है क्योंकि उसका सामना पाकिस्तान से है जिसने पिछले मैच में हांगकांग को 150 से अधिक रन से हराया.

खलेगी जडेजा की कमी

भारत को रवींद्र जडेजा की कमी भी खलेगी जो चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह अक्षर पटेल को टीम में लिया गया है. पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने दाहिने और बाएं हाथ के बल्लेबाज का संयोजन बनाने के लिए जडेजा को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था क्योंकि उस मैच में ऋषभ पंत को बाहर रखा गया था. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कप्तान रोहित शर्मा और द्रविड़ रविवार को भी ऐसा दांव खेलते हैं. लेकिन यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अगर शीर्ष छह बल्लेबाजों में बाएं हाथ के किसी बल्लेबाज को शामिल करना है तो केवल पंत ही उसके लिए उपयुक्त नजर आते हैं

पांड्या ने दिलाई थी जीत

पिछले रविवार को वह हार्दिक पांड्या थे जिनके ऑलराउंड प्रदर्शन से भारत ने आखिरी ओवर में रोमांचक जीत दर्ज की थी तथा रोहित इस मैच में भी अपने अन्य खिलाड़ियों से उसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे होंगे. भारतीय टीम के लिए हालांकि शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का पावर प्ले में रक्षात्मक रवैया परेशानी का सबब बन सकता है. पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में विराट कोहली या रोहित शर्मा कोई भी सहज होकर नहीं खेल पा रहे थे. पिच धीमी होने पर उनकी समस्या बढ़ती गई.

सूर्यकुमार ने भी किया था कमाल

हांगकांग जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भी भारतीय शीर्ष क्रम में धीमी बल्लेबाजी की और वह सूर्यकुमार यादव की बेहतरीन पारी थी जिससे कि टीम बड़ा स्कोर बनाने में सफल रही. भारतीय शीर्ष क्रम के धीमे खेल का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है केएल राहुल ने 39 गेंदों पर 36 रन बनाए जो उनकी अब तक की सबसे धीमी पारी है. ऐसे में सवाल उठता है क्या भारत को अपने शीर्ष क्रम में आक्रामकता जोड़ने के लिए बदलाव करने की जरूरत होगी क्योंकि यह स्पष्ट है कि राहुल, रोहित और कोहली का संयोजन नहीं चल पा रहा है.

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