पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी में क्यों पढ़ाई जा रही संस्कृत? सामने आई वजह

पाकिस्तान में बंटवारे के बाद पहली बार वहां के किसी विश्वविद्यालय में संस्कृत का औपचारिक पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। बता दें कि लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज ने संस्कृत का चार क्रेडिट का कोर्स शुरू किया है।
दरअसल, विश्वविद्यालय का कहना है कि संस्कृत इस पूरे क्षेत्र की साझा सभ्यतागत विरासत है। इसके अकादमिक रूप से समझना जरूरी है।
विश्वविद्यालय ने कहा कि संस्कृत को अकादमिक रूप से समझना जरूरी है। विश्वविद्यालय के अनुसार, पाकिस्तान में संस्कृत से जुड़े समृद्ध लेकिन उपेक्षित अकादमिक दस्तावेज मौजूद हैं।
कहा जा रहा है कि पंजाब यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में संस्कृत की सैकड़ों ताड़पत्र पांडुलिपियां सुरक्षित हैं। विश्वविद्यालय का मानना है कि स्थानीय स्तर पर संस्कृत पढ़ाई जाएगी, तो इन पांडुलिपियों पर शोध संभव होगा।
भगवत गीता पर पाकिस्तान में आएगा कोर्स
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के इस विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाने के पीछे समाजशास्त्र के प्रोफेसर शाहिद रशीद की अहम भूमिका है। बताया जा रहा है कि इस विश्वविद्यालय में आगे चलकर महाभारत और भगवद् गीता जैसे ग्रंथों पर भी पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि संस्कृत किसी एक धर्म की भाषा नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक धरोहर है।





