पाकिस्तानी चैनलों को देखने के लिए मजबूर हैं ये

भारतीय सीमा में रहने वाले हजारों ऐसे लोग हैं, जो भारत विरोधी टीवी कार्यक्रमों को देखने के लिए मजबूर हैं। पाकिस्तानी चैनलों में चलने वाले भारत विरोधी कार्यक्रमों ही उन्हें देखने पड़ते हैं। ये लोग हैं राजस्थान के जैसलमेर के बॉर्डर के नजदीक रहने वाले।
पाकिस्तानी चैनलों को देखने के लिए मजबूर हैं ये
यहां के रामगढ़ क्षेत्र में भारत की आजादी के सात दशक बाद भी सरकार ट्रांसमिशन की सही व्यवस्था नहीं कर सकी है, जबकि यहां से लगते पाकिस्तानी बॉर्डर में पाकिस्तान ने मजबूत ट्रांसमिशन की व्यवस्था की हुई है। इस कारण भारतीय सीमा में रहने वाले लोगों को मजबूरी में पाकिस्तान चैनल देखने पड़ते हैं। ​हाल ही दूरदर्शन की एक सर्वे टीम ने उन क्षेत्रों का दौरा किया, जहां लोग पाकिस्तानी चैनल देखने के लिए मजबूर हैं।

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अधिकारियों के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 20 वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए की लागत से एक टावर लगाया गया था। लेकन उसके ​सिग्नल काफी कमजोर है। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिलता है। जबकि पाकिस्तान की ओर से उसकी सीमा में लगाए गए टावर के सिग्नल काफी मजबूत है।

एेसे में भारतीय सीमा के गांवों में पाकिस्तानी चैनलों का प्रसारण होता है। जानकारी के अनुसार जैसलेमर में पाकिस्तान के साथ लगने वाले बॉर्डर की लंबाई करीब 470 किमी है। इसलिए रामगढ़ क्षेत्र में लगा एक टावर स्थानीय लोगों के लिए मददगार नहीं है।

इधर, पाकिस्तान अपने क्षेत्र में ट्रांसमिशन के लिए काफी टावर लगा रहा है। जिससे कि वह भार​त विरोधी कार्यक्रमों को देखने के लिए यहां के लोगों को ज्यादा मजबूर कर सके।

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