धमाके से बहा देशवासियों और जवानों का खून न कि पाकिस्तानी कलाकारों का: अमिताभ

धमाके से बहा देशवासियों और जवानों का खून न कि पाकिस्तानी कलाकारों का: अमिताभ | AMITABH BACHCHAN ने SHIV SENA मुखपत्र SAAMANA को दिये अपने एक INTERVIEW में PAKISTAN को लेकर पुछे गए सवालों के जवाब दिए हैं।

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उन्होंने कहा है कि इस नाजुक हालत में हम सभी देशवासियों को जवानों के साथ और उनके परिवार के साथ रहना चाहिए। इन दिनों पाकिस्तानी कलाकारों को देश मे बवाल मचा है, खासकर उनके काम को लेकर इस पर अमिताभ ने कहा है कि ना तो इस विषय में कुछ कहने का यह मंच है, ना मौका, लेकिन मेरा मानना है कि अपने देश के जवानों का खून बहा है और उन्होंने हम देशवासियों की रक्षा की है। इस नाजुक हालात में हम सभी देशवासियों को जवानों के साथ और उनके परिवार के साथ रहना चाहिए। यह समय ऐसा नहीं कि कोई विवाद खड़ा किया जाए।
अमिताभ ने अपने जन्मदिन के बारे में बताया कि उनका बचपन इलाहाबाद में बीता। पिताजी प्रोफेसर थे। उन दिनों केक काटने का प्रचलन नहीं था। हां नए कपड़े जरूर मिलते थे। पूजा पाठ होती थी। घर पर मीठा बनता था। घर के बड़ों से आशीर्वाद मिलता था। उन दिनों जन्मदिन मनाने की यह परंपरा थी। देश में जलेबी से लेकर गुलाब जामुन और लड्डू से लेकर तमाम पकवान पूरे साल मिलते हैं फिर भी हम यह विदेशी केक को क्यों काटते हैं? मैने केक कटिंग सेरमनी बंद करने के लिए कही है।
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