पहली बार महिला बन सकती है जापान की PM

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनकी जगह लेने वाले संभावित उम्मीदवारों में कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी, अति-रूढ़िवादी पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और पूर्व प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के करीबी और उदारवादी माने जाने वाले मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी शामिल हैं। यदि साने ताकाइची को मौका मिला तो वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी।

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे की घोषणा के बाद अब उनकी जगह लेने वाले संभावित उम्मीदवारों की तलाश तेज हो गई है। जो नाम आगे हैं, उनमें कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी, अति-रूढ़िवादी पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और पूर्व प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के करीबी और उदारवादी माने जाने वाले मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी शामिल हैं। यदि साने ताकाइची को मौका मिला तो वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों सदनों में बहुमत न होने के कारण, अगले पार्टी नेता को विधेयकों को पारित कराने के लिए मुख्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर काम करना होगा, अन्यथा अविश्वास प्रस्ताव का जोखिम का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, जापान के विपक्षी दल इतने बिखरे हुए हैं कि सरकार को गिराने के लिए एक बड़ा गठबंधन बनाना उनके लिए संभव नहीं है। इससे इशिबा ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि ट्रंप की ओर से जापानी कारों और अन्य उत्पादों पर टैरिफ घटाने के साथ पद छोड़ने का क्षण आ गया है।

पार्टी का दबाव
इशिबा ने तब इस्तीफा दिया जब उनकी पार्टी नेतृत्व का चुनाव कराने का फैसला लेने वाली थी। अगर पार्टी यह फैसला मंजूर कर लेती तो यह एक तरह से इशिबा के खिलाफ पार्टी के अंदर ही अविश्वास प्रस्ताव होता। इशिबा ने कहा, मैंने इस्तीफा देने का कठिन फैसला लिया क्योंकि नेतृत्व का चुनाव कराने से पार्टी में गंभीर मतभेद पैदा हो सकते थे।

लगातार झेलनी पड़ी हार
इशिबा का सत्तारूढ़ गठबंधन जुलाई में 248 सीटों वाले एक महत्वपूर्ण संसदीय चुनाव में ऊपरी सदन में बहुमत हासिल करने में विफल रहा, जिससे उनकी सरकार की स्थिरता कमजोर हो गई। इससे पहले पिछले अक्तूबर में इशिबा के सत्ता संभालने के महज दो हफ्ते बाद ही निचले सदन में पार्टी ने बहुमत खो दिया था।

विरोधियों ने नेतृत्व के लिए जल्द मतदान का दबाव डाला
चुनावी हार के बाद पिछले सप्ताह लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में पार्टी में पूरी तरह से बदलाव की मांग उठी और इसके कारण इशिबा के इस्तीफे की मांग तेज़ हो गई। अपने इशिबा-विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले रूढ़िवादी नेता तारो ने नेतृत्व के मुद्दे पर जल्द मतदान का अनुरोध किया।

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