पश्चिम बंगाल का नया नाम ‘बाेंगो’ या ‘बांग्ला’ फैसले का इंतज़ार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल का नाम परिवर्तित करने को लेकर राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। मंगलवार को राज्य सचिवालय नवान्न में ममता बनर्जी मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला भाषा में ‘बोंगो’ अथवा ‘बांग्ला’ करने और इग्लिश में ‘बेंगाल’ करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। ममता मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला या बोंगो किया जा सकता है। अंग्रेजी में इसका नाम बेंगाल रहेगा। उन्होंने कहा कि हम आगे इस प्रस्ताव को सर्वदलीय बैठक में ले जाएंगे।
पश्चिम बंगाल के कई हलकों ने सराहा नया नाम
मालूम हो कि 26 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है। इस दौरान नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को सर्वदलीय बैठक में पेश किया जाएगा। इस पर विधानसभा के विशेष सत्र में 27 व 28 अगस्त को चर्चा होगी और फिर नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को आगे केंद्र के समक्ष भेजने का निर्णय लिया जाएगा।
दूसरी ओर, नाम परिवर्तन के इस प्रस्ताव को राज्य के विभिन्न हलकों ने सराहा है। साहित्यकार शीर्षेंदु मुखोपाध्याय ने कहा कि हमें पहले से ही साहित्यिक रचनाओं में बंग्ला का उल्लेख मिलता है। देर से ही सही सरकार के इस प्रस्ताव को सराहनीय कदम कहा जाएगा। उद्योगपति हर्ष नेवटिया ने कहा कि बेंगाल नाम का इंटेरनेशनल ब्रांडिंग है और इसका फायदा भी मिलेगा।
गौरतलब है कि साल 2011 में जब पहली बार ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी थीं, तभी उन्होंने राज्य के नाम में परिवर्तन करने की तैयारी की थी। राज्य के सभी राजनीतिक दलों के साथ इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाने की भी कोशिश की थी, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। अब एक बार फिर अपनी दूसरी पारी में ममता राज्य का नाम बदलने को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार की दलील है कि अंग्रेजी वर्णानुक्रम के अनुसार राज्य के नाम की शुरुआत डब्ल्यू से होती है, जिस कारण कई परेशानियां पेश आती हैं।





